एक बार फिर नक्सल अभियान को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज- बघेल

कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में एक तरफ से नक्सलियों को घेर रखा था।;

Update: 2025-05-25 12:29 GMT

रायपुर, छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सल अभियान को लेकर राजनीति तेज हो गई है। जहां एक ओर सरकार नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी सफलता को लेकर जनता के बीच जा रही है और बता रही है कि कैसे नक्सल अभियान के दौरान शीर्ष माओवादी नेता बसवराजू मारा गया तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अब मारे गए नक्सलियों में ग्रामीणों के मारे जाने के मुद्दे को उठा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने कहा है कि एक बार फिर नक्सल अभियान को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद समाप्त हो, उसका समर्थन कांग्रेस करती है, उसके विरोध में नहीं है, लेकिन आम ग्रामीणों के मारे जाने की बात कौन करेगा। नक्सली बताकर आप किसी को भी मार देंगे?

बघेल का कहना है कि नक्सलियों को पकड़ा जा रहा है, सरेंडर कराया जा रहा है, मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। हमारा उसे पूरा समर्थन है लेकिन आदिवासी ना मारे जाएं. जो निर्दोष व्यक्ति है, वह क्यों मारा जाए। यदि मारे गए हैं, तो सरकार उन्हें मुआवजा दे।

बघेल ने कहा कि इसका कई उदाहरण देखने को मिला है। कई मुठभेड़ में कई आम लोग मारे गए हैं। मारे गए ग्रामीणों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड , मनरेगा का कार्ड और तेंदू पत्ता बेचने का कार्ड भी था। गांव वालों ने बताया कि वह गांव में ही रहते हैं तो फिर उन्हें कैसे नक्सली मान लिया जाएगा। यदि किसी कारण बस गलती से धोखे में उन्हें मार भी दिया गया, तो उसे स्वीकार करना चाहिए। कर्रेगुट्टा नक्सली मुठभेड़ को लेकर भी बघेल ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

बघेल ने कहा कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में एक तरफ से नक्सलियों को घेर रखा था। दूसरी तरफ से खुला था। इस अभियान में ना तो महाराष्ट्र पुलिस ने साथ दिया ना तेलंगाना और ना ही आंध्र की पुलिस ने। छत्तीसगढ़ की तरफ से उन्हें घेर रखा था। बाकी तीन तरफ खुला था। उन्होंने यह भी कहा कि मारे गए नक्सलियों के भी अलग-अलग आंकड़े आ रहे हैं। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बयान अलग-अलग हैं। कोई 22 बोल रहे हैं, कोई 20 बोल रहे हैं। इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब तक वहां मारे गए लोगों के शव रखे हुए हैं और जिन शवों को उनके परिजनों को सौंपा गया है,उसकी सूची जारी करनी चाहिए। यह हमारी मांग है।Full View

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