ITBP में 3 महिला कर्मियो ने फर्जी प्रमाण पत्र से पाई नौकरी-दर्ज हुई FIR

महिला रिक्रूट्स ने फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्रों आधार पर नौकरी हासिल कर ली।;

Update: 2025-07-14 15:59 GMT

बरेली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) में कांस्टेबल (जीडी) भर्ती में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। तृतीय वाहिनी, बरेली द्वारा की गई जांच में महिला रिक्रूट्स ने फर्जी स्थायी निवास प्रमाण पत्रों आधार पर नौकरी हासिल कर ली।

आईटीबीपी ने दस्तावेजों की जांच बाद तीन महिला रिक्रूट्स पार्वती कुमारी, रोशनी प्रजापति और प्रीती यादव के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। तीनों पर फर्जी दस्तावेजों सहारे बल में भर्ती होने का आरोप है।

क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम बरेली आशुतोष शिवम ने सोमवार को बताया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल दण्डपाल द्वारा थाना कैण्ट पर उपलब्ध करायी गयी तीन तहरीर आधार पर अभियोग पंजीकृत किया गया है। तीनों के खिलाफ एफआईआर में आईटीबीपी ने स्पष्ट किया है कि बल में किसी भी तरह की फर्जी जानकारी या दस्तावेजों के आधार पर हुई भर्ती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तीनों मामलों की जांच अब कैंट थाना पुलिस द्वारा की जा रही है।

चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया। पार्वती कुमारी ने असम नगांव जिले का स्थायी निवास प्रमाण पत्र जमा किया था, लेकिन सत्यापन में पता चला कि उक्त प्रमाण पत्र न तो संबंधित कार्यालय द्वारा जारी किया गया और न ही वह उस पते पर स्थायी रूप से निवास करती हैं।

इसी प्रकार रोशनी प्रजापति ने असम कछार जिले का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। लेकिन उपायुक्त कार्यालय कछार, सिलचर की रिपोर्ट में यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। तीसरे मामले में प्रीती यादव ने भी कछार जिला डूलोग्राम क्षेत्र का प्रमाण पत्र पेश किया, जो जांच में गलत पाया गया। उनके प्रमाण पत्र को भी जिला प्रशासन ने अमान्य घोषित कर दिया। तीनों अभ्यर्थियों ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित वर्ष 2024 की कांस्टेबल (जीडी) परीक्षा माध्यम से चयन प्राप्त किया था, लेकिन दस्तावेज सत्यापन में फर्जीवाड़ा सामने आते ही आईटीबीपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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