कोरोना का कोहराम-शवदाह गृहों पर लगी लाइन,6 घंटे तक किया इंतजार

कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने से विद्युत शवदाह गृहों पर भी लाइने लंबी होने लगी है।;

Update: 2021-04-09 06:38 GMT

लखनऊ। कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने से विद्युत शवदाह गृहों पर भी लाइने लंबी होने लगी है। लोगों को अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है। 5 से लेकर 6 घंटे तक के इंतजार के बाद शव का अंतिम संस्कार करने की बारी आ रही है।

कोरोना वायरस का संक्रमण अपना कहर बरपाने लगा है। कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर लोगों के पीड़ित होने के साथ-साथ मरने वालों की संख्या भी तेज होने लगी है। जिसके चलते विद्युत शवदाह गृहों पर लोगों को लाइन में लगना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार की रात 9.00 बजे तक राजधानी में 38 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इनमें से 18 बैकुंठधाम व 20 शवों का गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। दोनों विद्युत शवदाह गृहों पर सुबह से ही शवों का पहुंचना शुरू हो गया था। अपराह्न लगभग 1.00 बजे तक 12 शव पहुंच चुके थे। इनमें से महज तीन का ही अंतिम संस्कार हो सका था। यहां पर लोगों को टोकन देने की व्यवस्था लागू की गई थी।

एक शव के अंतिम संस्कार में कम से कम एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। लगभग एक घंटा शव को जलाने में लग जाता है। जबकि 15 से 20 मिनट सैनिटाइज करने में खर्च होते हैं। यहां पर दो मशीनें हैं लेकिन इस समय एक मशीन 2 दिन से खराब पड़ी है। लगभग 35 वर्ष पुरानी हो चुकी मशीन में खराबी आ गई है। उसे बृहस्पतिवार की शाम तक ही जाकर ठीक किया जा सका। रात 9.00 बजे तक यहां पर 18 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। बुधवार की रात भर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चलती रही जो गुरुवार को सवेरे 4.00 बजे तक निरंतर जारी रही। बैकुंठ धाम के कर्मचारियों ने कहा है कि बृहस्पतिवार को भी यही स्थिति रही। यहां पर रात भर अंतिम संस्कार होता रहा। उधर गुलाला घाट पर भी लोगों को टोकन व्यवस्था लागू करते हुए नंबर दिया गया था। यहां पर भी देर रात तक 20 शव का अंतिम संस्कार किया गया।



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