ट्रिपल मर्डर मामले में 8 दोषियों को फांसी की सजा- इंस्पेक्टर के घर...

सजा सुनाए जाने के बाद सभी लोग कोर्ट रूम के भीतर अपना चेहरा ढककर रोते रहे।

Update: 2024-03-07 11:56 GMT

बरेली। इंस्पेक्टर के घर डकैती डालने के लिए पहुंचे बदमाशों द्वारा विरोध पर इंस्पेक्टर की मां, भाई और उसकी पत्नी का मर्डर करने के मामले में दोषी पाए गए नौ लोगों में से 8 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि इस मामले में एक सर्राफ को उम्र कैद का फरमान सुनाया गया है। फांसी पाने वालों में दो महिलाएं भी शामिल है।

बृहस्पतिवार को फास्ट ट्रैक की ओर से दिए गए बड़े फैसले में वर्ष 2014 की 21 अप्रैल को थाना बारादरी क्षेत्र में रहने वाले आयकर विभाग पीलीभीत में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत सुरेश शर्मा के घर पर डकैती डालने के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार करके जेल भेजे गए वाजिद, हसीन, यासीन उर्फ जीशान, नाजिम, हाशिम तथा शाहजहांपुर सदर कैंट के रहने वाले राजू वर्मा, संभल के रहने वाले समीर उर्फ साहब उर्फ नफीस तथा बिथरी जैनपुर डेरा उमरिया के रहने वाले जुल्फान एवं फहीम को दोषी करार देते हुए इनमें से आठ लोगों को फांसी की सजा सुनाई है।


दोषी पाए जाने के बाद फांसी की सजा पाने वाले दोषियों ने डकैती का विरोध किए जाने पर इंस्पेक्टर के भाई भाभी और मां का मर्डर कर दिया था। इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्पेशल जज रवि कुमार दिवाकर ने आज बृहस्पतिवार को सुनाए गए अपने फैसले में सभी 9 आरोपियों को दोषी माना है। जिसके चलते अदालत द्वारा 8 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि डकैती का माल खरीदने वाले सर्राफ राजू वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

सजा सुनाए जाने के बाद सभी लोग कोर्ट रूम के भीतर अपना चेहरा ढककर रोते रहे। फैसला आते ही कोर्ट रूम से निकले सभी दोषी फफक कर रो पड़े। सभी के चेहरे पर कपड़ा बंधा हुआ था। फांसी की सजा पाने वाली नजमा की गोदी में 8 महीने का बच्चा था। पूछे जाने पर दोषी कुछ भी बोलने से बचते रहे। केवल इतना ही कहा कि उम्र कैद हो जाती हमें फांसी का अंदाजा नहीं था। हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं अब उनका क्या होगा।

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