किसानों की राजनैतिक पार्टी की हुई लांचिंग बनाई-संयुक्त संघर्ष पार्टी

नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डेरो पर चलाए गए किसान आंदोलन के भीतर से एक नई राजनीतिक पार्टी निकलकर सामने आई

Update: 2021-12-18 06:41 GMT

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली के बॉर्डेरो पर चलाए गए किसान आंदोलन के भीतर से एक नई राजनीतिक पार्टी निकलकर सामने आई है। किसान आंदोलन में अपनी भूमिका निभाने वाले गुरनाम सिंह चढूनी ने चंडीगढ़ में संयुक्त संघर्ष पार्टी की लांचिंग के ऐलान किया है।

शनिवार को राजधानी दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर नये कृषि कानूनों के विरोध में चलाए जा गये आंदोलन में मिली जीत के बाद अब किसानों की नई पार्टी इस आंदोलन से निकलकर सामने आई है। चंडीगढ़ में आयोजित की गई प्रेसवार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने पंजाब में संयुक्त संघर्ष पार्टी के गठन का ऐलान किया है। तकरीबन 1 साल तक राजधानी दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चलाकर जीत हासिल करने वाले किसान इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते हुए नजर आ सकते हैं। किसान आंदोलन के दौरान मंच से सरकार को चुनौती देने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर रहे हैं ।

विधानसभा के लिए अगले साल पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के भीतर चुनाव होने हैं। जिसके चलते सभी राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव में उतरने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी गई है। पंजाब में कांग्रेस से इस्तीफा देकर बाहर आये पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी राजनैतिक पार्टी के गठन के साथ भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लडने का ऐलान कर चुके है। उधर नए कृषि कानूनों के विरोध में तकरीबन 1 साल तक राजधानी दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चलाते हुए जीत हासिल करने वाले किसान नेताओं में शामिल गुरनाम सिंह चढूनी ने भी अब पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने का इरादा बनाया है। जिसके चलते शनिवार को गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा अपने नए राजनीतिक दल के गठन का ऐलान किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पंजाब चुनाव में किसान आंदोलन से जुड़े कुछ चेहरे भी नजर आ सकते हैं। गुरनाम सिंह चढूनी ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही है। किसान आंदोलन के समय गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों की मांगों को उठाते हुए आंदोलन को और अधिक मजबूत किया था। पिछले कई महीनों से गुरनाम सिंह चढूनी मिशन पंजाब के तहत पंजाब के खेती किसानी के अलावा दूसरे मुद्दों को भी लेकर मुखर हो रहे हैं। गुरनाम सिंह चढूनी का मानना है कि राजनीति में बदलाव करने के लिए सिर्फ आंदोलन करने से काम नहीं चलेगा। गुरनाम सिंह चढूनी अपने इसी एजेंडे के तहत पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाते हुए नजर आएंगे।



 


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