एमजी पब्लिक स्कूल में कला एकीकरण में दिखा विज्ञान और संस्कृति का संगम

विज्ञान की गहराई के साथ सांस्कृतिक रंगों का सुंदर संगम दिखाई दिया।

Update: 2025-08-27 11:52 GMT

मुजफ्फरनगर। रचनात्मकता की शक्ति के सहारे शिक्षा को आनंदमय बनाने के विचार को आधार बनाकर एमजी पब्लिक स्कूल में अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के माध्यम से विज्ञान के रंगों की खोज विषय पर कला एकीकरण गतिविधि का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने विज्ञान की अवधारणाओं को अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़कर ज्ञान-विज्ञान, कला और संस्कृति के संगम के रूप में प्रस्तुत करते हुए अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया। रंगों, विचारों और शोध से परिपूर्ण इस गतिविधि ने विद्यालय परिसर को ज्ञान और रचनात्मकता के उत्सव में बदल दिया।


प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग ने बताया कि एमजी पब्लिक स्कूल में आयोजित कला एकीकरण गतिविधि में कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता, ज्ञान और प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के माध्यम से विज्ञान के 'रंगों की खोज' विषय पर आधारित इस गतिविधि ने विज्ञान और संस्कृति को जोड़ते हुए शिक्षा के नए आयाम प्रस्तुत किए। कक्षा-9 के विद्यार्थियों ने प्रभावशाली पावरपॉइंट प्रस्तुतियों के माध्यम से न्यूटन के गति के नियम, माइटोकॉन्ड्रिया, नाभिक, प्लास्टिड, शुद्ध व अशुद्ध पदार्थ, मिश्रण तथा भौतिक और रासायनिक परिवर्तन जैसी वैज्ञानिक अवधारणाओं को दोनों राज्यों की सांस्कृतिक विरासत के साथ जोड़ा। विद्यार्थियों की गहरी समझ और मौलिकता ने सभी को प्रभावित किया। वहीं, कक्षा-10 वीं के विद्यार्थियों ने संक्षारण, सांस्कृतिक शत्रु, जैसे विषय पर प्रस्तुतियाँ दीं। इसमें उन्होंने प्रकाश का विक्षेपण व प्रकीर्णन, परावर्तन, अपवर्तन, मानव हृदय, पाचन तंत्र, अपोहन, घरेलू सफाई एजेंटों का पीएच मान तथा लवणों के उपयोग जैसे विषयों पर अपने शोध और अध्ययन को प्रस्तुत किया।


इस प्रस्तुति में विज्ञान की गहराई के साथ सांस्कृतिक रंगों का सुंदर संगम दिखाई दिया। प्रधानाचार्या मोनिका गर्ग ने कार्यक्रम में प्रतिभागी विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहाकृकि रचनात्मकता बुद्धिमत्ता का आनंद है। विज्ञान संस्कृति में रंग भरता है और कला विज्ञान को जीवन देती है।


आज के विद्यार्थियों ने जिस तरह विषयों को समझते हुए अपनी अभिव्यक्ति में उतारा, वह शिक्षा को सार्थक और आनंदमय बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम है। प्रधानाचार्या ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यार्थियों के भीतर न केवल विज्ञान और संस्कृति को समझने की जिज्ञासा और गहरी समझ विकसित करती हैं, बल्कि उन्हें सृजनशील सोच और जीवन कौशल से भी जोड़ती हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के साथ ही अन्य स्टाफ का सराहनीय सहयोग रहा।Full View

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