यूपी में मंत्रियों को समस्याएं दिखाना हुआ अपराध- पत्रकार को हथकड़ी
व्याप्त समस्याएं उजागर करने वाले मीडिया कर्मी को पुलिस द्वारा हथकड़ी लगाकर अदालत में पेश दिया गया है।
संभल। उत्तर प्रदेश में मंत्रियों को समस्याओं से रूबरू कराना अब अपराध हो गया है। प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री के सामने गांव में व्याप्त समस्याएं उजागर करने वाले मीडिया कर्मी को पुलिस द्वारा हथकड़ी लगाकर अदालत में पेश दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की जनपद संभल पुलिस ने एक यूट्यूब पत्रकार की गिरफ्तारी कर मीडियाकर्मियों को एक बड़ा संदेश दिया है कि वह माइक आईडी लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों को समस्याओं से रूबरू कराने की दौड धूप करते हुए जरा भी कोशिश नहीं करें यदि इस तरह की कोई कोशिश की गई तो चंदौसी के यूट्यूब पत्रकार की तरह उन्हें भी जेल भेज दिया जाएगा। हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश किए गए यूट्यूब पत्रकार का कसूर इतना भर था कि उसने उत्तर प्रदेश सरकार की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी को गांव और इलाके में व्याप्त समस्याओं से रूबरू करा दिया था और उनकी वादाखिलाफी भी उनके सामने उजागर कर दी थी।
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी बीते दिनों जनपद संभल के चंदौसी में आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंची थी। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री जब कार्यक्रम में आए लोगों के सामने विकास के बड़े-बड़े दावे करते हुए अपनी छवि बना रही थी। उसी समय खड़े हुए यूट्यूब पत्रकार ने उनके सामने गांव और इलाके में व्याप्त समस्याएं इस तरह रखी कि समस्याओं के अंबार को देखकर राज्यमंत्री भी बुरी तरह से झल्ला उठी। समस्याओं के संबंध में जब गांव वालों ने एक स्वर से हामी के स्वर बुलंद किए तो राज्यमंत्री भीतर ही भीतर बुरी तरह खफा हो गई।
हालांकि कार्यक्रम में उपस्थित भाजपाइयों ने मीडिया कर्मी की आवाज को दबाने की कोशिश की लेकिन गांव वालों ने मौके पर तो इस आवाज को नहीं दबने दिया लेकिन बाद में भाजयुमो महामंत्री ने थाने पहुंचकर सवाल पूछने वाले यूट्यूब पत्रकार के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट करने और धमकी के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। आमतौर पर बड़े-बड़े मामलों को भी महीनों सालों तक लटका कर रखने वाली पुलिस भी इस मामले में इतनी तेजी के साथ सक्रिय हुई कि तुरंत मीडिया कर्मी को गिरफ्तार कर थाने ले गई और किसी बड़े बदमाश की तरह हथकड़ी लगाकर उसे अदालत में पेश किया। हालांकि अदालत ने पुलिस की मीडिया कर्मी को जेल भेजने की मंशा पर पानी फेर दिया। अदालत ने उसकी जमानत बाहर से बाहर ही स्वीकार कर मीडिया कर्मी को जेल जाने से बचा लिया।