UP सरकार पंचगव्य इकाइयां, गोबर पेंट और जैविक खाद संयंत्र करेगी स्थापित
इसे राज्य के ‘एक जिला-एक नवाचार’ ढांचे के तहत आत्मनिर्भर मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के सभी 75 जिलों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और गाय आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए उपंचगव्य औषधि, गोबर पेंट और जैविक खाद की इकाइयां स्थापित करेगी।
इस पहल के लिए प्रत्येक जिले से एक गौशाला का चयन किया गया है और इसे राज्य के ‘एक जिला-एक नवाचार’ ढांचे के तहत आत्मनिर्भर मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्य सरकार न केवल गाय आधारित अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर रही है बल्कि एक आत्मनिर्भर और समृद्ध ग्रामीण उत्तर प्रदेश का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
ये आत्मनिर्भर गौशालाएं जैविक उत्पादों के उत्पादन के लिए केंद्र के रूप में काम करेंगी साथ ही स्थानीय समुदायों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगी।
सरकार ने स्थानीय शक्तियों और संसाधनों के आधार पर जिला-विशिष्ट ग्रामीण नवाचार रणनीति तैयार की है। महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और युवाओं को पंचगव्य आधारित उत्पादों, गोबर आधारित ईंटों, बायोगैस, जैव उर्वरकों, गोमूत्र दवाओं और जैव बीजों के उत्पादन और विपणन में प्रशिक्षित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने रविवार को यहां बताया कि प्रत्येक चयनित गौशाला को गाय संरक्षण और गाय आधारित आर्थिक गतिविधियों दोनों के लिए एक केंद्र में तब्दील किया जाएगा। स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए इन आश्रयों में बायोगैस संयंत्र भी लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, निर्माण और ईंधन के उपयोग के लिए उपयुक्त गाय के गोबर की ईंटों का उत्पादन किया जाएगा ताकि टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा सके।
यह नवाचार-संचालित पहल ग्रामीण युवाओं को स्थानीय रोजगार के अवसरों से सशक्त बनाएगी, पलायन को रोकेगी और स्वदेशी संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करेगी।