PM ने कहीं मन की बात- आपातकाल में की गई संविधान की हत्या
बाबू जगजीवन राम जी ने इस बारे में बहुत ही सशक्त तरीके से अपनी बात रखी थी।;
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 123 वें एपिसोड में अपने मन की बात कहते हुए आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर अपने विचार साझा किये और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सफलता का उल्लेखनीय रूप से जिक्र किया।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में कहा है कि आप सब इस समय योग की ऊर्जा और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की स्मृतियों से भरे हुए होंगे। इस बार भी 21 जून को देश दुनिया के करोड़ों लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लेते हुए अपने-अपने स्थान पर योग किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी को याद होगा कि 10 साल पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ किया गया था, अब 10 साल से यह सिलसिला हर साल जारी रहते हुए पहले से भी ज्यादा भव्यता हासिल करता जा रहा है। यह इस बात का संकेत है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने दैनिक जीवन में योग को अपना कर स्वास्थ्य लाभ की तरफ अग्रसर हो रहे हैं।
आपातकाल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इमरजेंसी लगाने वालों ने ना केवल हमारे संविधान की हत्या की, बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाकर रखने का था। इस दौरान बड़े पैमाने पर लोगों को प्रताड़ित किया गया था, ऐसे अनेक उदाहरण है जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने कहा है कि आखिरकार जनता जनार्दन की जीत हुई और आपातकाल को हटा लिया गया। इतना ही नहीं आपातकाल को पब्लिक पर थोपने वाले इलेक्शन में हार गए।
बाबू जगजीवन राम जी ने इस बारे में बहुत ही सशक्त तरीके से अपनी बात रखी थी।