विदेश यात्रा के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं किया गया- सुक्खू

अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अपने बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा देती हैं।

Update: 2025-09-30 14:59 GMT

शिमला, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि न तो उन्होंने और न ही उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने विदेश यात्राओं के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया है।

गौरतलब है कि उनका यह बयान स्वास्थ्य विभाग के लंदन और फ्रांस दौरे को लेकर उभरे विवाद के बीच आया है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के बेटे भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "न तो मैं और न ही मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी विदेश यात्राओं पर सरकारी धन खर्च करते हैं। मैं अपने पैसे खर्च करके विदेश गया था।"

सुक्खू ने स्पष्ट किया कि मंत्री और अधिकारियों का प्रस्तावित विदेश दौरा सरकारी धन से नहीं बल्कि स्वास्थ्य मिशन परियोजनाओं के तहत आयोजित किया गया था। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक, जर्मनी और जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) जैसी विदेशी वित्त पोषण एजेंसियां सामान्यतया ऐसे अध्ययन दौरे आयोजित करती हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अपने बजट का 10 प्रतिशत हिस्सा देती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और उनके बेटे 'विदेश जाने के इच्छुक नहीं थे' और यह यात्रा पूरी तरह से पेशेवर थी। सुक्खू ने भाजपा पर पलटवार करते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने हिमाचल के स्वास्थ्य क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम व्यवस्था को लाने के लिए इस तरह के अनुभव-आधारित दौरों की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री का यह बचाव तब आया है जब स्वास्थ्य मंत्री के बेटे को शामिल करने पर जनता के आक्रोश के बाद उनकी सरकार को 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसे आधिकारिक अधिसूचना में 'सहयोगी' बताया गया था।

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