संविधान में धर्म निरपेक्ष जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात: CM योगी

लोकतंत्र को बचाने के लिए समाज के प्रत्येक तबके के व्यक्ति ने लड़ाई लड़ी।;

Update: 2025-06-25 15:34 GMT

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में संशोधन करके धर्म निरपेक्ष और समाजवादी शब्द जोड़ना भारत की आत्मा पर कुठाराघात था। कांग्रेस को आपातकाल के लिए दलितों, वंचितों एवं पूरे देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।

आपातकाल की 50वीं बरसी, संविधान हत्या दिवस पर लोकभवन में आयोजित 'भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय' विषयक संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने अपनी लेखनी के माध्यम से जिन दलितों एवं वंचितों को अधिकार दिलाया था, कांग्रेस ने उनकी आवाज को दबाने का कार्य किया।

योगी ने इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कैशलेस उपचार की सुविधा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हो या आरजेडी दोनों ने संविधान हत्या दिवस पर न तो कोई बयान और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट किया। इन दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता संविधान का गला घोंटने के कांग्रेस के कृत्य के खिलाफ थे, कांग्रेस की तानाशाहीपूर्ण कार्यवाही के विरोध में आंदोलनरत थे। आज वही लोग अपने स्वार्थ के लिए कांग्रेस के सामने नाक रगड़ते दिखाई पड़ते हैं। ये लोग लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देते हैं लेकिन संविधान का गला घोंटने वालों और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने वालों को अपने गले का हार भी बनाते हैं। इनका यह दोहरा चरित्र लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

उन्होेने कहा कि कांग्रेस, सपा एवं आरजेडी जैसी परिवारवादी पार्टियों को संविधान की दुहाई देने का कोई अधिकार नहीं है। इन पार्टियों को जब भी अवसर मिला इन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन लोगों के चेहरों को बेनकाब करने का अवसर प्रदान करता है, जिन लोगों ने लोकतंत्र की आड़ में भारत के मूल्यों एवं आदर्शों को अपने स्वार्थ के लिए बलि चढ़ाने का कुत्सित प्रयास किया है। समाजवादी पार्टी, आरजेडी एवं उनके सहयोगी दल उसी मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं।

योगी ने कहा कि जिस लोकतंत्र एवं संविधान के लिए समाज के प्रत्येक तबके के व्यक्ति ने अनगिनत बलिदान दिए थे। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने तमाम अपमान सहकर अपनी पूरी बुद्धिमत्ता के साथ भारत के नागरिकों के लिए संविधान का जो ड्राफ्ट तैयार करके दिया था, उस संविधान का गला घोंटने में कांग्रेस की सरकार को कोई समय नहीं लगा। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस ने विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के अधिकारों को बंधक बना लिया था। सेंसरशिप के माध्यम से मीडिया का गला घोंटने का कार्य किया था। उस समय भी बहुत सारे लोग लोकतंत्र के लिए एवं भारत के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य कर रहे थे। एक लाख से अधिक लोकतंत्र सेनानी गिरफ्तार हुए थे। लोकतंत्र को बचाने के लिए समाज के प्रत्येक तबके के व्यक्ति ने लड़ाई लड़ी।

उन्होने कहा कि कांग्रेस एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए 25 जून को किया गया पाप कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को एक परिवार ने अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों की प्रतिपूर्ति का माध्यम बना लिया था। व्यवस्था में ऐसे लोग आज भी हैं, जो उस परिवार के माया मोह में जकड़े दिखाई पड़ते हैं। सीएम योगी ने कहा कि क्रांतिकारी नारा देते थे तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहे न रहे और कांग्रेस उन संकल्पों को चकनाचूर करते हुए नारा देती है मेरी सत्ता बनी रहे, चाहे लोकतंत्र रहे न रहे।

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