लीचोबाम की अवैध हिरासत के लिए मुआवजे की मांग - नोटिस जारी

वकील ने कहा कि एरेंड्रो के खिलाफ पांच मामले दायर किये गये थे, लेकिन इनमें से किसी में भी आरोप पत्र नहीं दायर किये गये हैं;

Update: 2021-07-20 10:28 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर के राजनीतिक कार्यकर्ता लीचोबाम एरेंड्रो को अवैध तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखे जाने के लिए मुआवजे की मांग पर संबंधित पक्ष से मंगलवार को जवाब तलब किया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने एरेंड्रो की याचिका पर सुनवाई के दौरान संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किये और दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खंडपीठ को अवगत कराया कि एरेंड्रो को रिहा कर दिया गया है और अब इस मामले पर पूर्णविराम लगा दिया जाना चाहिए।

एरेंड्रो की ओर से पेश वकील शदन फरासत ने गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में रखने के लिए मुआवजे की मांग की, जिस पर न्यायालय ने संबंधित पक्ष से जवाब तलब किया।

वकील ने कहा कि एरेंड्रो के खिलाफ पांच मामले दायर किये गये थे, लेकिन इनमें से किसी में भी आरोप पत्र नहीं दायर किये गये हैं।

गौरतलब है कि एरेंड्रो ने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि गोबर या गौमूत्र से कोविड का इलाज नहीं हो सकता। इसके बाद 13 मई को उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने यह टिप्पणी मणिपुर की भाजपा इकाई के अध्यक्ष प्रोफेसर टिकेंद्र सिंह की मौत के संदर्भ में की थी। इस पोस्ट से नाराज कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई थी।

वार्ता

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