लोगों को नहीं है कोरोना का डर-पुलिस को बंद करानी पड़ी नुमाइश

कोरोना संक्रमण की नए वेरिएंट के साथ हो चुकी वापसी के बावजूद लोगों को इस जानलेवा बीमारी का जरा सा भी भय नहीं रहा है

Update: 2021-12-26 06:51 GMT

अलीगढ़। कोरोना संक्रमण की नए वेरिएंट के साथ हो चुकी वापसी के बावजूद लोगों को इस जानलेवा बीमारी का जरा सा भी भय नहीं रहा है। कोरोना से बचने के बजाय मनोरंजन को अधिक तरजीह देते हुए जब लोग कोरोना के नाइट कर्फ्यू के बावजूद नुमाइश में जमे रहे तो पुलिस को डंडा उठाकर दुकाने एवं झूले बंद कराने पड़े। कोरोना से बेखौफ हुए लोगों को समझाकर घर भेजने के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा और कहा कि घर जाओ कोरोना आने वाला है।

दरअसल अलीगढ़ की विख्यात नुमाइश को देखने के लिए जनपद वासियों में भारी उत्साह रहता है और साल भर तक लोग इसके आने का बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। नुमाइश के 142 साल के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही साल में लोगों को दो बार नुमाइश का आनंद लेने का मौका मिला है। अब से पहले हर साल नुमाइश फरवरी माह में लगाई जाती थी, लेकिन वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहली बार प्रशासन की ओर से दिसंबर में ही नुमाइश का आयोजन शुरू करा दिया गया। नुमाइश के शुरू होने के बाद मेले में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है और लोग अपने परिवार के साथ यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार की ओर से लागू किए गए नाइट कर्फ्यू का मनोरंजन में मशगूल लोगों के बीच असर देखने को नहीं मिला। लोग कोरोना से पूरी तरह बेपरवाह हुए नुमाइश देखने में मशगूल रहे। इस दौरान ना तो किसी ने अपने मुंह पर मास्क लगा रखा था और ना ही कोई भी व्यक्ति सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहा था। नुमाइश लोगों की भीड़ से खचाखच भरी हुई थी और खरीदारी करने के लिए लोग एक दूसरे के ऊपर टूट रहे थे। जब 11.00 बजे तक भीड़ नहीं हटी तो पुलिस ने आगे आते हुए लोगों से कहना शुरू कर दिया कि घर जाइए कोरोना वायरस आने वाला है। इसके साथ ही पुलिस ने डंडा उठाया और मेले में 11.00 बजे के बाद तक भी अपनी दुकानें खोले बैठे कारोबारियों को हडकाते हुए उनकी दुकानें बंद करा दी।



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