मेडिकल उपकरण खरीद घोटाले पर CM योगी सख्त, जांच को SIT का गठन
भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने कोरोना किट खरीद में घोटाले के आरोप लगाते हुए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर दी थी।
लखनऊ । कोरोना संक्रमण में मेडिकल उपकरण खरीद घोटाले पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बिजनौर, समेत कुछ अन्य जिलों की ग्राम पंचायतों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की मार्केट दाम से ज्यादा दर पर खरीदे जाने की एसआईटी(SIT) जांच के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी(SIT) का गठन किया है। एसआईटी में आईएएस अमित गुप्ता और आईएएस विकास गोठलवाल भी हैं। एसआईटी पूरे खरीद घोटाला प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। कई जनपदों में थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की खरीद मामले को लेकर घोटाले का आरोप है।
इससे पूर्व यूपी सरकार ने सुल्तानपुर और गाजीपुर के जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) निलंबित किए। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने दोनों डीपीआरओ को सस्पेंड कर दिया। डीपीआरओ पर बाजार से बहुत महंगे मुल्य पर पल्स ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर की खरीद के आरोप हैं।
दरअसल पिछले दिनों सुल्तानपुर के लंभुआ से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने कोरोना किट खरीद में घोटाले के आरोप लगाते हुए प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर दी थी। इसकी जांच अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह को दी थी। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने प्रारंभिक तौर पर बाजार मुल्य से अधिक पर खरीद करने के आरोप को सत्य माना।
इस प्रकरण में अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने कहा था कि गाजीपुर और सुल्तानपुर के जिला पंचायत राज अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। सभी जनपदों से इक्विपमेंट खरीद से जुड़ी जानकारी मांगी हैं। डीएम को निर्देश दिया है कि इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर का भुगतान 2800 रुपये मुल्य से अधिक ना किया जाए।