अखिलेश किसानों के झूठे हमदर्द- सिद्धार्थनाथ

यह वही लोग हैं जिन्होंने अपने शासनकाल में गन्ना किसानों के उनके गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान नहीं किया था।

Update: 2021-06-10 07:34 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को किसानों का झूठा हमदर्द बताया है।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में अखिलेश यादव किसानों का हितैषी बनने के लिए ओछी राजनीति कर रहें हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने अपने शासनकाल में गन्ना किसानों के उनके गन्ना मूल्य का पूरा भुगतान नहीं किया था। जबकि प्रदेश सरकार ने किसानों का कर्ज को माफ़ करने के साथ ही गन्ना किसानों को रिकार्ड भुगतान किया है। धान तथा गेहूं की रिकार्ड खरीद की है। यह सब जानने के बाद भी अखिलेश यादव प्रदेश सरकार पर अनाप शनाप आरोप लगा रहें हैं। सूबे की जनता और किसान अब अखिलेश यादव के झांसे में आने वाली नहीं है। बेहतर हो वह घर से निकलकर किसानों के बीच जाएं। सिर्फ बयानबाजी करने के वह किसानों के हमदर्द नहीं बन पाएंगे। अखिलेश यादव पहले भी किसानों के झूठे हमदर्द थे और आगे भी रहेंगे, यह बात वह जाने लें।

सपा मुखिया द्वारा भाजपा सरकार के चार सालों को किसानों के लिए विनाशकारी बताए जाने पर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए किए गए प्रयास और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जिलों -जिलों में जा कर कोरोना संक्रमित लोगों से मिलना सपा नेता को शायद भाया नहीं है। इसलिए वह लगातार घर में रहते हुए झूठे और जनता को भ्रमित करने वाले आरोप प्रदेश सरकार पर लगा रहें हैं। जबकि उन्हें भलीभांति पता है कि सत्ता में आते ही प्रदेश सरकार ने 86 लाख लघु-सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया था।

किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य देने के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार बढ़ोतरी की। बीते चार सालों के दौरान खाद्यान्न की रिकॉर्ड खरीद भी हुई है। गन्ना किसानों को एक लाख 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक का रिकार्ड भुगतान सरकार ने किया है। गेहूं और धान के अलावा मक्का, दलहन एवं तिलहन की सरकारी खरीद होने से बाजार में किसानों को बेहतर दाम मिले। 45 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीफ हो चुकी है और किसानों को 3800 करोड़ रुपए का भुगतान भी हो चुका है। फिर भी अखिलेश यादव किसानों को फसल का दाम ना मिलने का बयान दे रहे हैं।

वार्ता

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