कैप्टन सिद्धू के बीच जंग जारी-पता नही कौन किस पर पडेगा भारी

कांग्रेस कमेटी के सामने पेश हुए कैप्टन ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

Update: 2021-06-22 11:20 GMT

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही अहम की लड़ाई में कांग्रेस कमेटी के सामने पेश हुए कैप्टन ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य में उनके पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के साथ चल रहे शीत युद्ध के निदान के लिए गठित की गई कमेटी के सामने पेश हुए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने समिति सदस्यों के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा और सारे मामले को उजागर किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाते हुए दो टूक कहा है कि मैं सिद्धू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही चाहता हूं।

दरअसल हाईकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू सीएम अमरिंदर सिंह का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

सोमवार को पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए कहा था कि मैं कोई शोपीस नहीं हूं, जिसे केवल चुनाव आने पर ही इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि मेरे बाॅस केवल राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी है। पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह और सरदार बादल के बीच अपने सांठगांठ के आरोप पर इस दौरान पूरी तरह से कायम दिखाई दिए। उन्होंने 2 विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी देने के फैसले को लेकर भी कैप्टन सरकार का विरोध किया। इससे पहले पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए विधायक एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को उपमुख्यमंत्री पद का देने की अटकलों पर विराम लग गया था। बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही पार्टी हाईकमान साफ कर आए हैं कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में किसी भी पद पर काम करना मेरे लिए असंभव है। उधर पता चल रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू जब 3 सदस्य कमेटी के सामने पेश हुए तो उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कच्चा चिट्ठा ही नहीं खोला बल्कि पंजाब में अफसरशाही द्वारा सरकार चलाए जाने के भी अनेक उदाहरण पेश करते हुए कमेटी के सम्मुख कई अफसरों तक के नाम गिनवा डालें जो सीधे तौर पर सरकार चला रहे हैं। पूर्व मंत्री ने कमेटी को यह भी बताया था कि पंजाब में कांग्रेस विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की सरकार में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में इस समय भी बादल परिवार का ही राज चल रहा है और उनकी सुविधा के अनुसार ही कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार फैसले ले रही है।

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