1 महीने की तपस्या पर बैठा मोनू- होली की धधकती आग से निकलेगा
1 महीने की तपस्या पूरी होने के बाद मोनू पंडा होलिका दहन की धधकती आग के भीतर से होकर गुजरेगा।
मथुरा। होलिका दहन के मौके पर फालैन गांव में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को कायम रखने के लिए धधकती आग से गुजरने को मोनू पंडा तपस्या पर बैठ गया है 1 महीने की तपस्या पूरी होने के बाद मोनू पंडा होलिका दहन की धधकती आग के भीतर से होकर गुजरेगा।
जनपद मथुरा के कोसी शेरगढ़ रोड स्थित फालैन गांव में होली के मौके पर होने वाले होलिका दहन के दिन जलती आग से अंडे के निकलने की सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपरा को इस वर्ष भी कायम रखने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
गांव के लोगों ने सर्वसम्मति से मोनू पंडा का नाम चयन किया है जो पिछले 4 वर्षों से जलती होली की अग्नि से निकलते आ रहे हैं। सोमवार को मोनू पंडा ने पहले गांव के प्रहलाद कुंड में स्नान किया और इसके बाद भगवान प्रहलाद के मंदिर में पहुंचकर उन्होंने दर्शन किए और पूजा अर्चना करने के बाद पूरे गांव की परिक्रमा की। ग्रामीणों के साथ बैंड बाजे की धुन पर गांव की प्रक्रिया की गई। इस दौरान जमकर अबीर गुलाल उड़ाया गया।
प्रह्लाद मंदिर से शुरू हुई प्ररिक्रमा गांव के विभिन्न मार्गो से होते हुए पुनः मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई। इसके बाद मोनू पंडे ने अपनी तपस्या का शुभारंभ कर दिया। फालैन गांव में करीब 25 से 30 फीट व्यास और 10 से 12 फीट ऊंची होली रखी जाती है। शुभ मुहूर्त में पहले पंडा प्रहलाद कुंड में स्नान करेगा और उसके बाद वह होली की धड़कती आग से होकर निकलेगा।