बर्थडे स्पेशल- कमाल की कलेक्टर है जसजीत कौर

शामली कलेक्टर जसजीत कौर के बर्थ डे पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट....

Update: 2020-10-14 13:17 GMT

शामली आईएएस अफसर का रूतबा सभी अफसरों में सबसे बड़ा माना जाता है। और उस सर्विस को बिना कोचिंग के हासिल करना मील के पत्थर से कमतर साबित नही होता है। हर एक आईएएस अफसर का ड्यूटी करने का मिजाज अलग-अलग होता है। ये आईएएस अफसर गोवंशों को अपने हाथ से गुड एवं चारा खिलाकर और गरीब लोगों को अपने हाथों से भोजन कराकर उनकी समस्याओं का तुरंत निदान कराती है। अपनी कलेक्टर की पहली पोस्टिग के डयूटी के दौरान ही कोरोना संक्रमण महामारी का सामना करना पड़ता है। कोरोना संक्रमण के दौरान अपने डेढ साल के नन्हे बच्चे को छोडकर जनता की सुरक्षा एवं सेवा के लिये अपनी ड्यूटी को अंजाम देती है और अपने बेटे को दुलारने का मन करते हुए भी अपने बेटे को दूर से ही खिलाती है। जी हां वो आईएएस अफसर है शामली जनपद की कलेक्टर जसजीत कौर। आईएएस एवं शामली कलेक्टर जसजीत कौर के बर्थ डे पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट....

बता दें कि आईएएस अफसर जसजीत कौर ने पंजाब राज्य के अमृतसर में 14 अक्टूबर 1984 को परविंदर सिंह के परिवार में जन्म लिया। आईएएस जसजीत कौर की प्रारम्भिक शिक्षा अमृतसर के डी. ए.वी कॉलेज से हुई, उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र से बी. एस.सी, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) किया। उसके बाद जसजीत कौर का 2012 में आईएएस में चयन हो गया। आईएएस जसजीत कौर की शुरुआती ट्रेनिंग सीतापुर और आगरा में हुई है। उसके बाद उन्नाव में 7 अगस्त 2014 से लेकर 20 अप्रैल 2016 तक ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात रही। जनपद बुलंदशहर में 21 अप्रैल 2016 से लेकर 17 अप्रैल 2018 तक मुख्य विकास अधिकारी के पद पर मुकर्रर रही। उसके बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 17 अप्रैल 2018 से लेकर 12 सितम्बर 2019 तक विशेष सुरक्षा नियोजन विभाग, 12 सितम्बर 2019 से लेकर 18 सितम्बर 2019 तक अपर प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, 18 सितम्बर 2019 से लेकर 22 फरवरी 2020 तक अपर प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अपर परियोजना निदेशक, एड्स नियंत्रण समाज के पद पर कार्यरत रही। उसके बाद आईएएस जसजीत कौर 22 फरवरी 2020 को जनपद शामली के डीएम के पद पर मुकर्रर किया।

आईएएस जसजीत कौर को पहली कलेक्टर की पोस्टिंग के दौरान कोरोना संक्रमण महामारी का सामना करना पड़ा रहा और ये ही नही वह अपने डेढ साल के बेटे को छोड़कर जनता की सेवा के लिए अपनी डयूटी को अंजाम दिया है। डीएम जसजीत कौर अपने परिवार के साथ-साथ जनपदवासियों के सुरक्षा के प्रति भी सतर्क है। डीएम जसजीत कौर लगातार जनपद में आइसोलेशन वार्ड, क्वारंटाइन वार्ड में मरीजों की व हाॅटस्पाॅट मौहल्ला में निरीक्षण कर उनका हालचाल जानती रही। शुरूआत से ही डीएम जसजीत कौर ने अपने परिवार से दूरी बना ली थी। क्योंकि ऐसे में उनके जरिए कोई संक्रमण परिवार के किसी सदस्य तक ना पहुंचे। डीएम जसजीत कौर के परिवार में उनके पति, एक डेढ साल का बेटा, और सासू है। डीएम जसजीत कौर के आवास पर फस्ट फ्लोर पर एक रूम है जिसे उन्होंने सेपरेट रूम बना लिया था। डीएम जसजीत कौर फिल्ड से आते ही अपने सेपरेट रूम जाती थी। फ्रेश होकर, कपड़ों को बदलकर उसके बाद ही अपने परिवार के सदस्यों के पास जाती थी। वह सदस्यों के पास पहुंचकर भी उनसे दूरी बनाकर रखती थी। डीएम जसजीत कौर का अपने डेढ साल के बेटे को गोद में लेकर दुलारने का मन करता था, पर वह उसे गोदी में लेकर नही बल्कि उसे दूर से ही दुलारती थी। डीएम जसजीत कौर कोरोना वायरस महामारी से पहले दफ्तर से आते ही परिवार के साथ घुल-मिल जाती थी। वह अपने परिवार व जनसुरक्षा के लिए अपने परिवार के साथ नाश्ता व लंच या डीनर नही कर पा रही थी।

कोविड-19 से निपटने के लिए शामली प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ था। मास्क अनिवार्य होने के बाद से जिले में मास्क की कमी न हो। इसके लिए शामली प्रशासन ने स्वयंसेवी समूहों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। जिस पर खरा उतरते हुए लक्ष्य पूरा ही नहीं किया गया, बल्कि तमाम रिकॉर्ड तोड़ते हुए जनपद शामली प्रदेश में अव्वल यानी प्रथम स्थान पर आ चुका है। जिले में अधिक मास्क बनाये सूबे के सभी जनपदों में से शामली जिले को नंबर वन बनाने का काम किया था। मास्क बनवाकर अधिक मास्क निशुल्क वितरित किये गए। डीएम जसजीत कौर ने मास्क बनाने में जनपद को नंबर वन बनाकर कीर्तिमान स्थापित किया था।

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