गो संरक्षण की धनराशि दूसरी जगह खर्च करेगी राजस्थान सरकार?

बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह बढ़कर 424 करोड़ रूपए हो गई है।

Update: 2020-08-28 14:03 GMT

जयपुर। राजस्थान सरकार ने विगत दो वर्षों में गायों की सुरक्षा के नाम पर करीब 1200 करोड़ रूपए का टैक्स वसूला है। राज्य सरकार के गो-पालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार सरकार को वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में कुल 1252.9 करोड़ रूपए का राजस्व मिला है। गायों की सुरक्षा के नाम पर राज्य सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाले टैक्स से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 266.13 करोड़ रूपए की कमाई की। जबकि इसी साल गायों की सुरक्षा के लिए शराब पर लगने वाले टैक्स से भी सरकार को 270 करोड़ रूपए की आमदनी हुई है।  

बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह बढ़कर 424 करोड़ रूपए हो गई है। गायों के संरक्षण के लिए गहलोत सरकार ने विधानसभा में राजस्थान स्टाम्प ड्यूटी (संशोधन) बिल, 2020 प्रस्तुत किया है। बिल में कहा गया है कि कोरोना माहमारी के कारण परेशानी झेल रहे लोगों को राहत देने के लिए राजस्थान स्टाम्प एक्ट 1998 के सेक्शन 3-बी को विस्तार दिया गया है।

संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि गायों के कल्याण के लिए पैसा खर्च किया जाता रहेगा। लेकिन इसके अलावा अतिरिक्त फंड को प्राकृतिक आपदाओं से राहत में भी खर्च किया जाएगा।

ध्यान रहे विगत दो सालों में राजस्थान सरकार ने गायों के लिए आश्रयगृह बनाने में 645.79 करोड़ रूपए विभिन्न मदों में आबंटित किए हैं। यह आवंटन 31 मार्च तक 1836 गायों के आश्रयगृहों के लिए दिए गए हैं। स्मरण रहे कि गायों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी और शराब पर सरचार्ज लगाने का फैसला किया था। राजस्थान में गायों को लेकर मॉब लिंचिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसी के चलते सरकार ने लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह सरचार्ज लगाने का फैसला किया था। 

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