करप्शन पर सीएम योगी का करारा प्रहार- अफसर सस्पेंड - दागियों में दहशत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध पर नियंत्रण करना हो या भ्रष्टाचार पर लगाम, उन्होंने कोई समझौता नहीं किया।

Update: 2020-09-10 14:15 GMT

लखनऊ।  मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के अपने इरादे जग जाहिर कर दिए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध पर नियंत्रण करना हो या भ्रष्टाचार पर लगाम, उन्होंने कोई समझौता नहीं किया। दागी अफसरों पर उनकी तलवार लगातार सस्पेंशन का वार करती रही। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते जब पूरा प्रदेश लॉकडाउन से जूझ रहा था तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को थोड़ी राहत देनी शुरू कर दी थी। राहत इसलिए नहीं कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जाए वह सिर्फ इसलिए कि कोरोना संक्रमण में जुटे अफसरों की छोटी मोटी लापरवाही को नजरअंदाज कर दिया जाए। इसी का फायदा उठाकर अफसरों ने चांदी के जूतों की चमक में ऐसा खोना शुरू किया, वह भूल गए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार भ्रष्टाचार पर निगाहें गड़ाए हुए हैं। बस यही से शुरू हुई लापरवाही उनके लिए गलत साबित हुई।


सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित के क्रियाकलापों के चिट्ठे की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने अफसरों से जांच करा जांच में शिकायतें सही पाए जाने पर सीएम  ने प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को सस्पेंड करने के साथ-साथ उनके मातहत भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों प्रभारी निरीक्षक करेली अंजनी कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी निरीक्षक अतरसुइया संदीप मिश्रा, थाना करेली निरीक्षक नागेंद्र कुमार नागर, उप निरीक्षक गोपनीय गौरव तिवारी ,थाना करेली उपनिरीक्षक प्रेम कुमा,र थाना कोराव  उप निरीक्षक कुलदीप यादव, थाना नवाबगंज उप निरीक्षक दुर्गेश कुमार राय, उप निरीक्षक इकरार अंसारी, हेड कांस्टेबल राम प्रताप सिंह को भी सस्पेंड कर उनके खिलाफ मुकदमे भी पंजीकृत करा दिए है। इसके साथ ही महोबा में पहली बार कप्तान का चार्ज संभालने वाले आईपीएस अफसर महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक व्यापारी ने जबरन 6 लाख रुपये की वसूली करने और पैसा ना देने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित कर एक वीडियो जारी किया था, लेकिन वीडियो जारी होने के कुछ देर बाद ही किसी ने उसे गोली मार दी थी। इसकी जांच कराइ गयी, जांच में आरोप सही पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने एक्शन लेते हुए आईपीएस मणिलाल पाटीदार के खिलाफ भी सस्पेंशन की कार्रवाई के साथ-साथ उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया। आज सीएम योगी ने प्रयागराज के निलंबित आईपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित और महोबा के निलंबित आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार की संपत्ति की जांच विजिलेंस से कराने के निर्देश जारी किए हैं।     


                                                      जिस जिले में कप्तान उसी जिले में बन गए मुल्जिम 

नीतीश पांडे डायरेक्टर पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रार्थना पत्र में अंकित आरोपों के संबंध में निलंबित तत्कालीन पुलिस अधीक्षक महोबा मणिलाल पाटीदार के विरुद्ध थाना नगर कोतवाली महोबा पर मुकदमा अपराध संख्या 505/ 2020 धारा 7 / 3 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व आईपीसी की धारा 384 का अभियोग पंजीकृत किया गया इस मुकदमे में निलंबित पुलिसकर्मी तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक चरखारी राकेश कुमार सरोज, तत्कालीन थानाध्यक्ष खरेला राजू सिंह, थानाध्यक्ष कबरई देवेंद्र शुक्ला थाना कोतवाली पर तैनात आरक्षी राजकुमार कश्यप को भी आरोपी माना गया है

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