और जेवरातों से भरा बैग भी नहीं डिगा पाया एसआई का ईमान

आमतौर पर सुनने में आता है कि इंसान का ईमान मात्र एक रुपए की कीमत की चींज पर डोल जाता है।

Update: 2021-01-13 11:19 GMT

मुजफ्फरनगर। आमतौर पर सुनने में आता है कि इंसान का ईमान मात्र एक रुपए की कीमत की चींज पर डोल जाता है। ऐसे में अपनी कर्तव्य परायणता के लिए लोगों की प्रशंसा बटोर रही मुजफ्फरनगर पुलिस के एक एसआई को जेवरातों से भरा बैग भी अपने कर्तव्य पथ से नही डिगा पाया। पीड़िता को खोज कर जब उन्होंने उसका जेवरात से भरा बैग वापिस लौटाया तो महिला और उसके परिजन खुशी से फूले न समाते हुए एसआई को अपनी दुआओं से नवाजे दिखाई दिए।


दरअसल मीरापुर थाना क्षेत्र के गांव संभलहेड़ा निवासी महिला शाहीन पत्नी शाहबुददीन घरेलू चीजों की खरीदारी के लिए पास के कस्बे मीरापुर में गई थी। कस्बे के एक सुनार से जेवरात आदि खरीदने के बाद महिला ने उन्हें अपने पर्स में रखा और अपनी बेटी के साथ ई-रिक्शा में सवार होकर गांव के लिए चल दी। महिला गोद में अपनी बालिका को लिए हुए बैठी थी। इस दौरान बच्ची के साथ गोद में रखा बैग रास्ते में कहीं गिर गया। महिला जब वापस घर लौटी तो जेवरातों भरा बैग नहीं मिला। जिसे लेकर महिला और उसके परिजन बुरी तरह से परेशान हो गये और उन्होंने संभावित स्थानों पर बैग की तलाश की। मगर वह नहीं मिला। उधर संभलहेड़ा चौकी इंचार्ज एसआई करण नागर अपने सहयोगियों के साथ क्षेत्र में गश्त करते हुए घूम रहे थे। इस दौरान उन्हें सड़क पर पड़ा हुआ एक बैग मिला, जिसे उन्होंने उठाकर खोला तो उसमें पीली धातु के 2 झूमके व एक लोंग और साथ में सुनार का पर्चा रखा हुआ था। एसआई करण नागर ने जब सुनार का पर्चा खोला तो उस पर उसका मोबाइल फोन नंबर दर्ज था। एसआई ने तुरंत ही सुनार को फोन कर उसकी दुकान से सामान खरीद कर ले जाने वाली महिला के नाम और पते की जानकारी हासिल की।

उन्होंने सुनार से महिला का फोन नंबर भी लिया और उसके साथ संपर्क स्थापित कर उससे बैग खो जाने की जानकारी प्राप्त की। एसआई करण नागर ने महिला को चौकी पर बुलाया। परिजनों के साथ महिला पुलिस चैकी पहुंची तो संतुष्टि करने के बाद एसआई ने रास्ते में पड़ा मिला उसका जेवरात से भरा बैग वापिस कर दिया। महिला और उसके परिजन खोया बैग प्राप्त होने पर खुशी से फूले नहीं समाये और दिल से एसआई व पुलिस को ढेरों दुआओं से नवाजा।

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