2 महीने तक कराया काम- नहीं दिया मेहनताना- 309 KM चले पैदल
लॉकडाउन में बेरोजगारी की मार झेलने वाले मजदूरों के साथ अब धोखाधड़ी की वारदातें भी बढ़ गई हैं
शामली। लॉकडाउन में बेरोजगारी की मार झेलने वाले मजदूरों के साथ अब धोखाधड़ी की वारदातें भी बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का एक मजदूर परिवार पंजाब के किसान और एक ठेकेदार की धोखाधड़ी का शिकार हुआ है। दो महीने तक खेत पर काम करवाने के बावजूद भी बच्चों समेत 16 लोगों के इस परिवार को किसान और ठेकेदार द्वारा मेहनताना तक नहीं दिया गया।
जेब खर्च और खाने-पीने का राशन खत्म हो जाने के बाद पूरा परिवार भूखा प्यासा पंजाब के होशियारपुर से 309 किलोमीटर पैदल चलकर शामली पहुंचा जहां संभ्रांत लोगों ने उन्हें नगर पालिका में ठहराकर उनके रवाना होने का इंतजाम करने का आश्वासन दिया है।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर निवासी बांकेलाल को 2 महीने पहले सुल्तानपुर के ही भूजे नाम के ठेकेदार द्वारा मजदूरी पर पंजाब के होशियारपुर भिजवाया गया था। अपने 11 बच्चों के साथ परिवार के 16 लोग होशियारपुर में एक सिख किसान के यहां खेत पर मजदूरी करने के लिए गए थे। परिवार के लोगों का आरोप है कि ठेकेदार ने धोखाधड़ी करते हुए उन्हें किसान को बेच दिया। दो महीने खेत पर मजदूरी करने के बाद जब परिवार ने किसान से अपना मेहनताना मांगा तो किसान ने उन्हें कुछ नहीं दिया। जानकारी करने पर पता चला कि ठेकेदार ने उन्हें किसान को बेच दिया है।
जेब खर्च और खाने-पीने और खाने-पीने का राशन खत्म होने के बाद परिवार के लोग बच्चों समेत पैदल ही पंजाब से सुल्तानपुर का सफर तय करने के लिए निकल पड़े। पंजाब के होशियारपुर से शामली की दूरी करीब 309 किलोमीटर है। धोखाधड़ी का शिकार हुआ मजदूर परिवार यह लंबी दूरी तय कर शामली के रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। यहां पर परिवार के लोगों ने लखनऊ जाने के लिए ट्रेन की तलाश की तो पता चला कि रेलवे स्टेशन से लखनऊ के लिए कोई ट्रेन नहीं है। कुछ लोगों ने इन्हें बस के माध्यम से दिल्ली या लखनऊ जाने की बात कही लेकिन जेब में फूटी कौड़ी और खाने के पैसे भी नहीं होने के कारण यह परिवार रेलवे स्टेशन पर ही ठहर गया।
होशियारपुर से सुल्तानपुर के सफर पर निकला गरीब मजदूर परिवार जेब में खाने के पैसे भी ना होने के कारण बेबस नजर आया। परिवार की महिला नीरा ने बताया कि वे खुद तो सफर कर रहे थे, लेकिन बच्चे भूख बर्दाश्त नहीं कर पाए, इसलिए उन्होंने पूरे रास्तें में खेतों में खड़े गन्नों को खिलाकर अपने बच्चों का पेट भरा। फिलहाल, शामली में कुछ संभ्रांत लोगों द्वारा आवागमन का इंतजाम होने तक इस मजदूर परिवार को नगर पालिका शामली में ठहराया है। यहीं पर लोग परिवार के खाने-पीने का इंतजाम भी कर रहे है।
वार्ता