कुरैश कांफ्रेंस का अधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न- विभिन्न बातों पर दिया जोर
कुरैश कांफ्रेंस के द्वारा दिए हुए मुख्य आवेदन का तिथि अनुसार वर्णन किया जो कि राज्य तथा केंद्र सरकार को पिछले 9 महीनो में दिए गए;
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश, कुरैश कांफ्रेंस का पहला अधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट सनोबर अली कुरैशी ने की तथा निज़ामत मोहम्मद युसूफ कुरैशी अधिवक्ता, मिरापुरीने की। अधिवेशन के मुख्य अतिथि के रूप में नाबा हिरा कुमार सरनिया लोकसभा MP, कोकरा झार, आसाम तथा विश्व प्रशिद्ध मौलाना तौकीर रज़ा साहब ने शिरकत की। प्रोग्राम की शुरुआत हाफिज अब्दुला द्वारा कुरान की तिलावत से शुरू की गयी तथा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष निजामुद्दीन कुरैशी साहब ने दिल्ली प्रदेश समिति का इंट्रोडक्शन कराया और अपने भाषण में तालीम की अहमियत पर ज़ोर दिया तथा बताया कि कुरैश बिरादरी को अपने इलाक़ो में बहुत सारे स्किल डेवलपमेंट तथा कोचिंग एंड गाइडेंस सेंटर खोलने की सख्त ज़रूरत है तथा युवाओ को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के ज़रिये से रोज़गार से जोड़ने की सख्त ज़रूरत है तथा कुरैश कांफ्रेंस के प्रधान सचिव आश्कीन कुरैशी ने अपने सम्बोधन में कुरैश कांफ्रेंस के द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में सभा को बताया तथा कुरैश कांफ्रेंस के द्वारा दिए हुए मुख्य आवेदन का तिथि अनुसार वर्णन किया जो कि राज्य तथा केंद्र सरकार को पिछले 9 महीनो में दिए गए है।
मोहम्मद सलीम कुरैशी, सीनियर वाईस प्रेजिडेंट, कुरैश कांफ्रेंस, ने कुरैश कांफ्रेंस के बढ़ते हुए ग्राफ पर ख़ुशी का इज़हार किया तथा कहा की लोगो के भरोसे का पूरा ख्याल रखा जाएगा तथा हर काम पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है और आगे भी इसी प्रकार किया जाएगा, मुफ़्ती सलमान ने कुरैश कांफ्रेंस द्वारा बहुत जल्द अल्मीज़ान स्कूल खोले जाने के बारे में बताया तथा राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी नसीम कुरैशी साहब ने राजनैतिक सशक्तिकरण के महत्त्व के बारे में बताया तथा मेहरबान कुरैशी, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, कुरैश कांफ्रेंस, ने संगठन के विकास और विस्तार पर ज़ोर दिया तथा कहा की मीट कारोबार की समस्याओ का हल राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर मीट बोर्ड गठन के माध्यम से हल किया जा सकता है तथा बताया कि मीट कारोबार सिर्फ कुरैशी बिरादरी का नहीं है बल्कि इस कारोबार से देश के लगभग 18 करोड़ लोग जुड़े है जिसमे किसान, ट्रांसपोर्टर, कैटल ट्रेडर, बुचर, मज़दूर, मीट प्लांट ओनर्स तथा मवेशियों के आधार पर बनी सैकड़ो इंडस्ट्रियल यूनिट शामिल है तथा खुरशीद आलम कुरैशी, हेड एडमिन कुरैश अन-निकाह मीन सुन्नति ने अपने भाषण में बताया कि मैरिज को आसान करना बहुत ही आवश्यक है और कुरैश बिरादरी को धन्यवाद् किया कि वो आसान निकाह के रास्ते को बहुत तेज़ी से अपना रहे है तथा अपनी शिक्षा और कारोबार की सुरक्षा पर अपना ध्यान आकर्षित कर रहे है, खुरशीद आलम कुरैशी साहब को राष्ट्रीय सचिव भी नियुक्त किया गया तथा उन्होंने कुरैश कांफ्रेंस को अपनी तरफ से 51,000/- का योगदान देने के बारे में घोषणा की तथा शिबली कुरैशी साहब, मुज़फ्फरनगर, ने भी शिक्षा पर ज़ोर दिया तथा ज़ोया रहमान ने सभा को बताया कि पुरे देश में उच्च शिक्षा में हर समुदाय का स्तर बढ़ रहा है परन्तु मुस्लिम का 8% स्तर घटा है।
ज़ोया ने बताया कि इस्लाम की शुरुआत जहालत के वक्त में शुरू हुई परन्तु प्रोफेट मोहम्मद ने शिक्षा का रास्ता अपनाया तथा आने वाली नस्लों ने संसार पर एक हज़ार साल तक रूल किया और हर मैदान में, मुस्लिम ने समाज को गति प्रदान करी परन्तु जबसे शिक्षा से दूर हुए तबसे मुस्लिम समाज ने अपनी उपयोगिता समाप्त कर दी जिसकी वजह से हर जगह नुमाइंदगी से महरूम है तथा मुख्य अतिथि नाबा हिरा कुमार सारणियां साहब ने अपने सम्बोधन में कहा कि मीट उद्योग में आ रही किसी भी समस्या के निवारण के लिए वो हर वक़्त तैयार है तथा इस बात पर बल दिया कि देश की सरकार मीट कारोबार को एक कारोबार समझ कर ही एक पालिसी का निर्धारण करे तथा इस कारोबार के साथ किसी भी तरह का कानून बनाने में पक्षपात नहीं होने चाहिए, सरकार की जिम्मेदारी है कि मीट कारोबार से जुड़े 18 करोड़ लोगो की आवाज़ को सुना जाये तथा उनके लिए सरल कानून बनाये जाये क्यूंकि इस कारोबार से भी सरकार के राजस्व में बहुत बड़ा योगदान है और हर नागरिक को अपने मौलिक अधिकारों में सम्मान पूर्वक कारोबार करने का हक़ है तथा उसका कड़े कानून द्वारा हनन नहीं होना चाहिए तथा इर्शाद बाबा कुरैशी साहब ने दिल्ली की नई मीट शॉप पालिसी का ज़िक्र किया तथा कुरैश कांफ्रेंस और मीट मर्चेंट एसोसिएशन का धन्यवाद् किया जिन्होंने उपरोक्त दिल्ली मीट शॉप पालिसी के खिलाफ अपने ऑब्जेक्शन दर्ज कराये तथा दूसरे मुख्य अतिथि मौलाना तौकीर रज़ा खान साहब ने भी कुरैश कांफ्रेंस के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया तथा शराफत हुसैन, राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी साहब ने कांफ्रेंस के 8 प्रस्तावों को पढ़ कर सुनाया जिसपर सभा के सभी डेलीगेट्स ने हाथ उठाकर समर्थन किया, शराफत साहब ने बताया की कुरैश कांफ्रेंस का पहला रेसोलुशन है की केंद्र तथा राज्य स्तर पर मीट बोर्ड का गठन हो, 2) मीट कारोबार की सभी समस्याओ के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाये, 3) प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, 1991 को संविधान में 9th schedule में डाला जाये ताकि रोज़ रोज़ धार्मिक स्थल को लेकर झूठे मुकदझे कोर्ट में फाइल होने से रुक सके तथा जिससे देश के नागरिको के बीच सम्मान तथा सौहार्द का माहौल बना रहे तथा प्रेसिडेंटिअल आर्डर, 1950 को धर्म की अनिवार्यता से मुक्त किया जाये ताकि मुस्लिम और क्रिस्टन की कुछ जातियों को SC का स्टेटस मिल सके तथा असलम कुरैशी साहब, अधिवक्ता, सिकंदराबाद, ने अत्यंत बल दिया की हर संगठन के लिए धन जुटाना बहुत ज़रूरी है यदि कुरैश बिरादरी कुरैश कांफ्रेंस से बड़े बदलाव की अपेक्षा रखती है तो उसको कुरैश कांफ्रेंस को आर्थिक सहायता बड़े स्तर पर करनी चाहिए। उमरदराज कुरैशी साहब ने अपने व्यक्तत्व में शिक्षा पर ज़ोर दिया।
अंत में, कुरैश कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष Sanobar Ali Qureshi, Advocate ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी डेलीगेट्स को धन्यवाद किया, खासतौर से दिल्ली समिति को पहले इतने सफल अधिवेशन के लिए मुबारकबाद दी तथा बताया की राजनितिक सशक्तिकरण बहुत ही महत्वपूर्ण है यदि हम इससे दूर जाते है तो हम गुलामी की तरफ जाते और अपने कारोबार को तबाह करते है और राजनीती में हिस्सेदारी आपका हक़ है जिसे हासिल करना चाहिए तथा कुरैश कांफ्रेंस की 6 विंग्स द्वारा देश में बहुत बड़े स्तर पर किये जा रहे कामो के बारे में बताया तथा मुख्य अतिथि और मंच पर सभी लोगो का सुक्रिया अदा किया, इस मौके पर 30 लोगो को वरिष्ठ अतिथि के सम्मान सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया तथा 28 लोगो को सर्वश्रेठ प्रतिभागी से सम्मानित किया गया।
प्रोग्राम में शामिल हाजी शहजादे कुरैशी, नेशनल वाईस प्रेजिडेंट, असिस्टेंट प्रोफेसर तारिक़ कुरैशी, कलाम कुरैशी, झाँसी, सिकंदर हुसैन, सलमान शाह अधिवक्ता, मेरठ, डॉक्टर आरिफ कुरैशी, मीरापुर, सईद आलम कुरैशी, आगरा, आरिफ कुरैशी, सिकंदराबाद, हाजी असफाक, झाँसी, नासिर कुरैशी, ललितपुर, चौधरी अरशद, झाँसी, Z रहमान कुरैशी, दिल्ली, अयूब कुरैशी, दिल्ली, मुज़म्मिल रहमान, चन्दन कुरैशी, इरशाद चीना, आबिद कुरैशी, अकबर कुरैशी, शादाब हुसैन, समर कुरैशी, बानो कुरैशी, पप्पू कुरैशी, फरीदाबाद, सिराजुद्दीन कुरैशी, अधिवक्ता मोहम्मद रशीद कुरैशी, अधिवक्ता अतिकुर रहमान कुरैशी, नईम कुरैशी, वसीम कुरैशी, आराफ़ीन कुरैशी, आसिफ कुरैशी, अधिवक्ता सलमान कुरैशी, अधिवक्ता शोएब आलम, अधिवक्ता ज़ोयब, फैज़ान कुरैशी, मोहम्मद साबिर, मुगीज़ कुरैशी, उस्मान कुरैशी, अध्यक्ष चांदनी चौक, नवाब इम्तियाज़, बुडाना तथा महिलाओं में तबस्सुम कुरैशी, शमीम फातिमा, कैसर जहान तथा बहुत बड़ी तादाद में लोगो ने शिरकत किया। प्रोग्राम के सभी मेहमानो का अफ़ज़ाल अहमद कुरैशी तथा अतिकुर रहमान ने कांफ्रेंस के द्वार पर गुलाब देकर तथा इत्र लगाकर वेलकम किया।