बोले योगाचार्य-यज्ञ और योग संस्कृति के प्राण

Update: 2021-05-15 12:16 GMT

मुजफ्फरनगर। कोरोना काल में योग साधना केंद्र बन्द है। ऐसे में योगाचार्य सुरेन्द्र पाल सिंह आर्य लोगों को कोरोना संक्रमण के बीच शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक रूप से मजबूत बनाने व उनका आत्मबल बढ़ाने के लिए ऑनलाइन योग कक्षा के द्वारा स्वास्थ्य लाभ दे रहे है।

कोरोना वायरस की महामारी के इस कठिन दौर में योगासन, प्राणायाम व ध्यान ही हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें निरोग और स्वस्थ रख सकते हैं। जब शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता बनी रहती है तो कोई भी बाहरी विषाणु या वायरस हमें हानि नहीं पहुँचा सकता। यह एक मूलभूत सिद्धांत है कि हमेशा कमजोर प्राणी को ही सताया जाता है। शक्तिशाली से सभी डरते हैं। योगासन के साथ साथ यदि परिवार में दैनिक यज्ञ किया जाए तो यज्ञ के द्वारा भी बीमारी के 96 प्रतिशत विषाणु नष्ट हो जाते हैं। यज्ञ और योग भारतीय संस्कृति के प्राण है। उन्होंने बताया कि इस कोरोना महामारी से बचाव के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। घर में ही रहे। अत्यधिक आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले और मास्क का प्रयोग करे। यदि किसी व्यक्ति को लगे कि उसे बुखार ,खांसी या अन्य कोई लक्षण है तो लापरवाही न बरतें तुरंत जांच कराए और डाक्टर से इलाज कराएँ।


अक्सर यह देखा गया है कि लोग कोरोना होने पर भी लापरवाही बरतते है और फिर जब बात कब्जे से बाहर हो जाती है तब इलाज कराने के लिए जाते हैं। अगर समय रहते इलाज मिल जाता है तो लोग अधिक संख्या में ठीक भी हो रहे हैं। इसमें घबराहट की आवश्यकता नहीं है। अतः मेरा सभी नगर वासियो से निवेदन है कि अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से यज्ञ और योग करे तथा स्वस्थ रहें और मस्त रहे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में साधक एवं साधिकाएं तो योग कक्षाओ में आने स्वतः ही बन्द हो गये तब मैं और मेरी पत्नी मुनेश देवी व बेटा अंकुर मान तीनों प्रतिदिन नियमित रूप से योगासन, प्राणायाम और ध्यान करते है और तत्पश्चात उत्तम सामग्री और गांय के घी से वैदिक मंत्रों से दैनिक यज्ञ करते है। ईश्वर कृपा से स्वस्थ है। इसी कड़ी में सभी को लाभान्वित करने के लिए निःशुल्क ऑनलाइन योग कक्षा की शुरुआत मुजफ्फरनगर में की जा रही है। इच्छुक व्यक्ति सम्पर्क करके लाभान्वित हो सकते हैं।

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