हम किसी से नहीं है कम- दिव्यांगों ने रचा इतिहास
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर पैरालंपिक गेम्स के जरिए दिया गया था
नई दिल्ली। उनका एक अंग भले ही कमजोर हो गया लेकिन साहस और हिम्मत में कोई कमी नहीं है। अभी हाल में अमृत महोत्सव के अंतर्गत शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए दिव्यांगों ने स्कूटी से ढाई हजार कि.मी.। यात्रा की है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का अवसर पैरालंपिक गेम्स के जरिए दिया गया था। पैरालंपिक वर्ष 1948 में ब्रिटिश द्वितीय विश्व युद्ध के प्रमुख लोगों की एक छोटी सी सभा से शुरू हुआ था और 21वीं सदी के शुरुआत तक सबसे बड़ी अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में से एक बन गया है। पहल पैरालंपिक खेल वर्ष 1960 में रोम में आयोजित किया गया था। हमारे देश की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कम्पनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) पैरा गेम्स का आयोजन करती है जिसमें दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। विश्व दिव्यांग दिवस पर छोटे-छोटे बच्चे भी यह संदेश देते हैं कि वे भी किसी से कम नहीं हैं।
ईगल स्पेशियली एबल्ड राइडर्स द्वारा आयोजित सुगम्य जागरूकता राइड "आजादी का अमृत महोत्सव" के लिए "दिल्ली - लोंगेवाला वॉर मेमोरियल से रवाना किया गया था। इस कार्यक्रम में 10 दिव्यांगो द्वारा रेट्रोफिटेड स्कूटी से 12 दिनों में 2500 किमी की दूरी तय की गई है। इस असाधारण मिशन में कई संस्थायों ने साथ दिया, उनमें से प्रमुख है- हेलमेट वाला, रविशा फाउंडेशन, कैस्ट्रोल बाइकिंग, इंडियन ऑयल, जेएमडी डिवाइन कंसोर्टियम, कैनेर कनेक्टर, वंडर व्हील्स, हिंदुस्तान आयल एवं क्राइम कण्ट्रोल डिफेन्स आर्गेनाइजेशन। सुगम्य जागरूकता राइड 29 नवंबर को दिल्ली से शुरू होकर पूरे राजस्थान से निकली। मंडावा, बीकानेर, रामदेवरा, पोकरण, जैसलमेर, तनोत बार्डर, लोंगेवाला वॉर मेमोरियल, बाड़मेर, जोधपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, कैली मंदिर, भरतपुर होते हुए 10 दिसम्बर, 2022 को दिल्ली पहुंची। 3 दिसम्बर, 2022 विश्व विकलांगता दिवस को दिव्यांगों द्वारा लोंगेवाला वॉर मेमोरियल (जैसलमेर) में "1971 में भारत - पाक युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
दिव्यांगजन सुगम्य जागरूकता राइड के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि दे कर यह दिखाया गया कि अगर हौसला हो, तो जिंदगी में कुछ भी नामुमकिन नहीं है। विश्व के इतिहास में पहली बार दिव्यांगो द्वारा लोंगेवाला वॉर मेमोरियल में रेट्रोफिटेड स्कूटी से जाकर भारतीय ध्वज फहरा कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया। इस कीर्तिमान के रमेश चंद, अमीर सिद्दीकी, हेमंत कुमार, गोविंदा, पवन कुमार, प्रमोद सिंह, पवन कश्यप, संदीप कुमार, गिरीश अरोरा और तेजपाल यादव साक्ष्य हैं। ईगल स्पेशियली एबल्ड राइडर्स पिछले 6 सालो से सुगम्य जागरूकता राइड का आयोजन कर रही है और इस कार्य के लिए टीम को मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया जा चूका है। यह संस्था न केवल राइड के माध्यम से जागरूकता फैलाने का कार्य करती है, बल्कि दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए भी कार्य करती है। कोरोना की पहली और दूसरी खतरनाक लहर में भी दिव्यांगों के प्रति महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। बिजनौर (उत्तर प्रदेश) की करुणा समाज सेवा संस्था की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस पर सेंट मैरी स्कूल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने पहुंचकर दिव्यांगों की स्क्रीनिंग कर प्रमाण पत्र वितरित किए। आसपास के 17 गांवों के 340 दिव्यांगों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में दिव्यांगजनों ने रंगोली प्रतियोगिता, शिल्प प्रतियोगिता, गायन, नृत्य, चित्रकारी और खेल में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। अध्यक्ष फादर जॉर्ज टी ने विकलांग प्रतिभागियों की सराहना और उन्हें आगे भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। जनरल फिजिशियन डॉ. आरएस वर्मा, ऑर्थो सर्जन डॉ. संजय कुमार और डॉ. यागवेंद्र सिंह, नेत्र सर्जन डॉ. दीपा गोयल, क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट आयुषी दीक्षित, साइकेट्रिक सोशल वर्कर साक्षी सिंह ने दिव्यांगों की स्क्रीनिंग व काउंसलिंग भी की।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी अजय कुमार, अध्यक्ष फादर जॉर्ज टी, शमसा नकवी, फिजा चौरिटेबल ट्रस्ट ने किया। वहीं अयूब अली विशेष शिक्षक ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सरकारी योजनाओं और विभिन्न अन्य मुद्दों और समाधानों के बारे में भी बताया।
विश्व दिव्यांग दिवस पर सर्व शिक्षा अभियान व शिक्षा विभाग के तत्वावधान में दिव्यांग स्कूली बच्चों के लिए आयोजित जिला स्तरीय खेलकूद व सांस्कृतिक प्रतियोगिता की गयी थी। जिले के हर ब्लॉक से कुल 70 बच्चों ने अलग-अलग खेलों में दमखम दिखाकर यह बताने का प्रयास किया कि वे शारीरिक रूप से कमजोर जरूर हैं, लेकिन उनकी इच्छा शक्ति काफी मजबूत है। इन बच्चों का उत्साह देखकर यह बात सामने आई कि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो शारीरिक कमजोरी कोई मायने नहीं रखती है।
दिनभर चली इस प्रतियोगिता का प्रतिभागियों ने भी खूब आनंद लिया और अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया। इन बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। समापन समारोह के मुख्य अतिथि अपर कलेक्टर एएल ध्रुव वशिष्ट अतिथि जिला समन्वयक रविशंकर तिवारी थे। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता में हर इवेंट्स में प्रथम तीन स्थान पर रहे बच्चों को मेडल दिया गया। इसके अलावा अन्य बच्चों को सांत्वना पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
इस अवसर पर दिव्यांग जनों ने कुर्सी दौड़, लंबी कूद, तवाफेंक, गोला फेंक, सौ मीटर दौड़, जलेबी दौड़, मटका दौड़, बास्केट बाल थ्रो, सॉफ्ट बॉल थ्रो में प्रतिभा दिखाई। खेलकूद के अलावा आयोजन में दिव्यांग बच्चों के लिए चित्रकला, रंगोली, सुलेख, गुलदस्ता बनाना, मेहंदी प्रतियोगिता के अलावा एकल व सामूहिक गीत व नृत्य प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी थी। दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था। (हिफी)