निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष बने ओमप्रकाश बिड़ला

Update: 2019-06-19 09:17 GMT

नई दिल्ली। कोटा-बूंदी से भाजपा सांसद ओम बिड़ला 17वीं लोकसभा के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। आज कार्यवाही शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस, तृणमूल, द्रमुक और बीजद समेत कई दलों ने इसका समर्थन किया। इसके बाद मोदी खुद उन्हें चेयर तक लेकर आये।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर चैंकाने वाला फैसला लिया और एक ऐसे सांसद को लोकसभा स्पीकर के लिए चुना, जिसका नाम रेस में भी नहीं माना जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिड़ला के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका राजनाथ सिंह ने समर्थन किया। इसके बाद अमित शाह, अरविंद सावंत समेत अन्य कई सांसदों ने ओम बिड़ला का प्रस्ताव रखा और अन्य सांसदों ने उसका समर्थन किया। चुनाव की प्रक्रिया के बाद ओम बिड़ला ने स्पीकर पद की कुर्सी संभाली और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी। कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया गया है। सूत्रों की मानें तो ओम बिड़ला को करीब 10 दिन पहले ही पता लग गया था कि उनका नाम लोकसभा स्पीकर के लिए तय किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने इसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी।

कांग्रेस की बैठक में भी तय हुआ था कि उनकी ओर से किसी को खड़ा नहीं किया जाएगा, इसी के साथ उनके निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया था। ओम बिड़ला के प्रस्तावकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अलावा एनडीए के अन्य नेता शामिल रहे।

बता दें कि बिड़ला को संघ की भी पसंद माना जाता है। मोदी और शाह से भी उनके सीधे संबंध हैं। गुजरात व बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के भी नजदीकी माने जाते हैं। 2014 की लोकसभा में ओम बिड़ला को कई समितियों में जगह मिली थी। उन्हें प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति और सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था। ओम बिड़ला 2004-08 तक राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव रहे हैं।

ओम बिड़ला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटा में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्रसंघ चुनाव से की। बिड़ला 2003, 2008 और 2013 तीन बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। वह 6 साल तक अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और फिर भारतीय जनता युवा मोर्चा राजस्थान प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष रहे। इस बार लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2,79,677 वाटों से हराया था। 

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