चीनी हस्तक्षेप के खिलाफ सड़क पर उतरे नेपाली
प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोध में नारे लगाए।प्रदर्शनकारियों के हाथों में चीन के खिलाफ बैनर व पोस्टर थे
काठमांडू। नेपाल में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप से गुस्साए लोगों ने काठमांडू में सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोध में नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में चीन के खिलाफ बैनर व पोस्टर थे। इन पोस्टरों में नेपाल में चीनी हस्तक्षेप को बंद करने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के खास दूत गूओ येझोउ काडमांडू में हैं। वह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों विरोधी गुट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के बीच सुलह करवाने का प्रयास करेंगे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का शीर्ष दल काठमांडू पहुंच चुका है। इसका मकसद प्रचंड और ओली के बीच सुलह कराकर किसी भी कीमत पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में फूट को रोकना है। काठमांडू पोस्ट अखबार के मुताबिक सत्तारूढ़ एनसीपी से जुड़े लोगों ने चीन के प्रतिनिधिमंडल के आने की पुष्टि की है। अखबार ने कहा है कि चीन के इस कदम को बीजिंग द्वारा जमीनी स्थिति का आकलन करने का प्रयास माना जा रहा है। एनसीपी के प्रचंड गुट के विदेश मामलों के विभाग के उप प्रमुख विष्णु रिजाल ने कहा कि चीनी पक्ष ने काठमांडू यात्रा के बारे में उनसे बातचीत की है। हालांकि मेरे पास इससे ज्यादा बताने के लिए कुछ नहीं है। जब इस संबंध में काठमांडू स्थित चीनी दूतावास से पूछा गया तो उन्होंने फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। इस बीच नेपाल में घटते राजनीतिक घटनाक्रम में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रपति से एक जनवरी को संसद के ऊपरी सदन का शीत सत्र बुलाने की सिफारिश की है।