भारत और फ्रांस के बीच सामरिक साझेदारी भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है : उपराष्ट्रपति
भारत और फ्रांस को घनिष्टता पूर्वक शांति और स्थिरता के अग्रदूत के रूप में काम करना चाहिए
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उपराष्ट्रपति ने फ्रांसीसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत और फ्रांस के मध्य सामरिक भागीदारी को भारत की विदेशी नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि भारत और फ्रांस शांति और स्थिरता के अग्रदूत के रूप में काम कर सकते हैं।
आर्थिक मामलों की स्थाई समिति की अध्यक्ष और सीनेट सोफी प्राइमास के नेतृत्व में फ्रांस के सांसदों के शिष्टमंडल के साथ आज दिल्ली में बातचीत करते हुए नायडू ने विश्व में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए भारत और फ्रांस में नजदीकी सहयोग का आह्वान किया।
नायडू ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ सदैव शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है। हम नहीं चाहते हैं कि कोई हमारे देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करे न ही हम स्वयं अन्य देशों के मामले में दखल देना चाहते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, अंतरिक्ष सहयोग, आर्थिक भागीदारी और अन्य क्षेत्रों में फ्रांस के साथ अपनी भागीदारी को बहुत महत्व देता है। यह देखते हुए उन्होंने दोनों देशों के बीच नजदीकी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत-फ्रांस संसदीय मैत्री समूह की स्थापना का सुझाव दिया। उन्होंने स्मार्टसिटी पहल के तहत भारत के साथ भागीदारी करने के फ्रांस के निर्णय के बारे में प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि भारत के विकास के लिए शहरी नवीकरण और स्वच्छ ऊर्जा में भारी निवेश की जरूरत है।
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— Sophie Primas (@sophieprimas) September 9, 2019