टली आफत- चीनी रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में गिरा
धरती के साथ आकाश में अपनी बादशाहत साबित करने में जुटे चीन के सबसे बड़े रॉकेट के अवशेष हिंद महासागर में जाकर गिरे हैं।
नई दिल्ली। धरती के साथ आकाश में अपनी बादशाहत साबित करने में जुटे चीन के सबसे बड़े रॉकेट के अवशेष हिंद महासागर में जाकर गिरे हैं। धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में जाकर गिरा है। हालांकि वायुमंडल में प्रवेश करते ही मलबे के बड़े हिस्से को टेक्नोलॉजी के जरिए नष्ट कर दिया गया था।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते चीन द्वारा एक बड़ा रॉकेट लांच किया गया था। जिसके बारे में चीन के विदेश मंत्रालय ने पहले ही जानकारी दे दी थी कि अनियंत्रित हुए रॉकेट के अवशेषों को धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते ही दोबारा से जला दिया जाएगा। जिससे रॉकेट के धरती पर गिरने से होने वाले नुकसान का अनुमान कुछ कम होगा। शुक्रवार की शाम अमेरिका में किए गए एक ट्वीट के माध्यम से एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने बताया कि सेंटर फॉर आर्बिटल रीएंट्री एंड डेब्रिस स्टडीज द्वारा रॉकेट बॉडी के पुनः प्रवेश के लिए की गई भविष्यवाणी के मुताबिक रॉकेट का मलबा रविवार शाम को 4.00 बजे के आसपास धरती के वायुमंडल में प्रवेश करेगा। जिसमें एक मुख्य मंच और चार बूस्टर शामिल थे। इसे 29 अप्रैल को मानव रहित तियानहे मॉडल के साथ चीन के हेनान द्वीप से हटा दिया गया था। रॉकेट का लॉन्ग मार्च 5 परिवार चीन की निकट अवधि की अंतरिक्ष महत्वकांक्षाओं का अभिन्न अंग रहा है। पिछले हफ्ते लांच किया गया यह रॉकेट पिछले साल मई में पहली बार लांच किए गए वेरिएंट की दूसरी तैनाती है। अप्रैल माह के अंत में हुबेई प्रांत के सियान शहर में अधिकारियों ने आसपास के लोगों को जगह खाली करने के निर्देश दे दिए थे। क्योंकि इसके मलबे के कुछ से जमीन पर गिरने की उम्मीद थी। 18 टन के साथ यह धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने वाला सबसे बड़ा मलबा है।