प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और उद्यान विभाग की सहभागिता सेे गन्ना किसानों को मिलेगा अनुदान लाभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की प्रेरणा से तथा मंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, सुरेश राणा के निर्देश पर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की ''किसानों की आय दुगुना'' किये जाने की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने हेतु तत्पर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने अनेक कदम उठाये हैं।

Update: 2019-09-04 05:03 GMT

लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के आर्थिक रूप से पिछडे विशेषकर लघु तथा सीमान्त गन्ना किसानों एवं अन्य वर्गो के कृषकों के हित के प्रति अत्यन्त सजग प्रदेश के  मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की प्रेरणा से तथा मंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, सुरेश राणा के निर्देश पर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की ''किसानों की आय दुगुना'' किये जाने की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने हेतु तत्पर प्रदेश के गन्ना विकास विभाग ने अनेक कदम उठाये हैं।


जिसके तहत गन्ना खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग एवं सिंचाई हेतु ''ड्रिप इरीगेशन'' विधि को बढावा देने से गन्ना खेती की लागत कम करने का प्रयास हो रहा है।
आर्थिक रूप से पिछड़े लघु, सीमान्त कृषक हेतु 90 प्रतिशत अनुदान दर पर 7,665 हेक्टेयर एवं अन्य वर्गो हेतु 80 प्रतिशत अनुदान दर पर 2,335 हेक्टेयर कुल 10,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की फसल हेतु लक्ष्य निर्धारित।



ड्रिप सिंचाई संयंत्र की स्थापना हेतु लक्ष्य के सापेक्ष 3,105 हे. क्षेत्रफल के लिए रू.2,884.19लाख डी.बी.टी. के माध्यम से पात्र कृषकों के खाते में अनुदान भुगतान हेतु आवंटित।
जिला गन्ना अधिकारी लाभार्थी कृषकों का विवरण जिला उद्यान अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे।



ड्रिप इरीगेशन से क्षारयुक्त भूमि व कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी गन्ना खेती संभव।
गन्ने में ड्रिप सिंचाई से पानी की खपत में लगभग 50 प्रतिशत की बचत जिससे भूमि के अन्दर जल स्तर को संरक्षण मिलेगा।




प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, ने बताया कि दिन-प्रतिदिन जल स्तर में हो रही कमी में सुधार हेतु भू-जल संचयन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के दृष्टिगत ड्रिप सिंचाई पद्धति के माध्यम से पौधों को सीधे उनकी आवश्यकता के अनुसार जल उपलब्ध कराकर गुणवत्तायुक्त उत्पादन के साथ जल व ऊर्जा की बचत होती है तथा खेत में खरपतवार में कमी आती है।



गन्ना आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना ''पर ड्राप मोर क्राॅप (माईक्रोइरीगेशन) योजना के अन्तर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े लघु, सीमान्त कृषक हेतु 90 प्रतिशत अनुदान दर पर 7,665 हेक्टेयर एवं अन्य वर्गो हेतु 80 प्रतिशत अनुदान दर पर 2,335 हेक्टेयर कुल 10,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की फसल हेतु लक्ष्य निर्धारित करते हुए उक्त लक्ष्यों के सापेक्ष उद्यान विभाग द्वारा 3,105 है. क्षेत्रफल में ड्रिप सिंचाई संयंत्र स्थापना हेतु दिये जाने वाले अनुदान के लिए रू.2,884.19 लाख अवमुक्त कर दिये गये है। जो पात्र कृषकों के खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से उद्यान विभाग द्वारा प्रेषित किये जाएगें।



गन्ना विकास विभाग द्वारा इस योजना के सफल संचालन हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके लिए जिला गन्ना अधिकारियों द्वारा पात्र लाभार्थियों का विवरण आवश्यक अभिलेख यथा आधार, खतौनी, बैंक का विवरण, कृषक का नाम, पता एवं मोबाईल नम्बर सहित अन्य सूचनाएं संकलित कर सम्बन्धित जिला उद्यान अधिकारी को पंजीकरण करने एवं डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान हेतु उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इस कार्यक्रम में अब तक 957 कृषकों का चयन हो चुका है।



उल्लेखनीय है कि ड्रिप सिंचाई से उर्वरकों एवं कीटनाशकों की खपत में उल्लेखनीय बचत होती है, फलस्वरूप गन्ने की उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी आती है और गन्ना उत्पादन तथा कृषकों की आय में 20 प्रतिशत तक वृद्धि होती है।

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