श्रीबालाजी सत्यधाम पीठाधीश्वर ने की मृत्युपरान्त क्रियाकलापों के लिए पक्का स्थान बनवाने की अपील

श्रीबालाजी सत्यधाम धर्मनगर चौकड़ी के पीठाधीश्वर प्रेमजी महाराज ने कहा कि ये बेहद दुखद और विचारणीय है कि आज गांव में किसी की मृत्यृ होने के बाद घट बांधने के लिए पीपल का वृक्ष नही है, अधिकतर लोग आम के पेड़ में उक्त घट को बांधने लगे है, लेकिन वहां जाने के लिए भी शुद्ध रास्ता नहीं है। इसके साथ ही ऐसे मौके पर बाल बनवाने, पिंडदान व महापात्र के लिये भी कोई पक्का स्थान निश्चित नहीं है। लोग मौका देखकर किसी भी जगह इन क्रियाकलापों को कर रहे हैं। श्रीबालाजी सत्यधाम धर्मनगर चैकड़ी के पीठाधीश्वर प्रेमजी महाराज ने कहा कि हिन्दु मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के बाद कुछ अनुष्ठान किया जाना बेहद जरूरी होता है।

Update: 2019-07-30 11:26 GMT

गोरखपुर। श्रीबालाजी सत्यधाम धर्मनगर चौकड़ी के पीठाधीश्वर हृदय नारायण चतुर्वेदी उर्फ प्रेमजी महाराज ने सभी ग्राम पंचायत अध्यक्षों सहित हिन्दुधर्म के अनुयायियों का आहवान किया है कि वे अपने गांव अथवा क्षेत्र में किसी की मृत्यु होने के बाद होने वाले अनुष्ठान, जैसे बाल मुंठवाना, पिंडदान करने व महापात्र के लिए पक्का स्थान बनवाना सुनिश्चित करें।

श्रीबालाजी सत्यधाम धर्मनगर चौकड़ी के पीठाधीश्वर प्रेमजी महाराज ने कहा कि ये बेहद दुखद और विचारणीय है कि आज गांव में किसी की मृत्यु होने के बाद घट बांधने के लिए पीपल का वृक्ष नही है, अधिकतर लोग आम के पेड़ में उक्त घट को बांधने लगे है, लेकिन वहां जाने के लिए भी शुद्ध रास्ता नहीं है। इसके साथ ही ऐसे मौके पर बाल बनवाने, पिंडदान व महापात्र के लिये भी कोई पक्का स्थान निश्चित नहीं है। लोग मौका देखकर किसी भी जगह इन क्रियाकलापों को कर रहे हैं। श्रीबालाजी सत्यधाम धर्मनगर चैकड़ी के पीठाधीश्वर प्रेमजी महाराज ने कहा कि हिन्दु मान्यताओं के अनुसार मृत्यु के बाद कुछ अनुष्ठान किया जाना बेहद जरूरी होता है।

प्रेमजी महाराज ने सभी गांवों के प्रधानों, विधायकों, सांसदों व सक्षम अन्य गणमान्य लोगों से अपील की है कि हर गांव व क्षेत्र में मृत्युपरान्त बाल बनवाने, पिंडदान करने, महापात्र खिलाने आदि क्रियाकलापों के लिए एक स्थान निश्चित करके उसे पक्का कराया जाये, जिससे ये सभी अनुष्ठान निर्विघ्न सम्पन्न कराये जा सकें। उन्होंने कहा है कि जिस तरह मृत्युपरान्त लाश को जलाने के लिए पक्का स्थान होता है, ठीक उसी प्रकार इन क्रियाकलापों के लिए भी पक्का स्थान बेहद जरूरी है।

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