यूनेस्को ने कुंभ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी

यूनेस्को ने भारत के कुंभ मेले को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है जो इस आध्यात्मिक महोत्सव की बड़ी स्वीकार्यता है.

Update: 2019-07-24 12:40 GMT

लखनऊ । यूनेस्को ने कुंभ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा~

यह भारत के लिये बहुत खुशी और गर्व का विषय है.'

बता दें कि यूनेस्को ने भारत के कुंभ मेले को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है जो इस आध्यात्मिक महोत्सव की बड़ी स्वीकार्यता है. कुंभ मेले को दुनिया का सबसे बड़ा महोत्सव माना जाता है, जहां लाखों लोग पवित्र नदियों के किनारे स्नान के लिए दुनिया भर से जमा होते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा~

कुंभ के इस भव्य आयोजन से उत्तर प्रदेश की अवधारणा को देश व दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में बड़ी सहायता मिली है।

कुंभ के इस आयोजन में नगर विकास मंत्री  सुरेश खन्ना नेतृत्व में कार्य योजना बनी थी। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने जिस कुशलतापूर्वक कुंभ से जुड़े मसलों पर कार्य किया व जिस तरह सभी सम्बंधित विभागों ने एक सामूहिक कार्य के रूप में पूरे आयोजन को नई उंचाई दी, वह सराहनीय है।

193 देशों में से 187 देशों के प्रतिनिधियों ने कुंभ के आयोजन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की और साथ ही भारत के भी 6 लाख से अधिक गांवों से 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने कुंभ के आयोजन में भागीदारी सुनिश्चित की ।

कुंभ के आयोजन के साथ बहुत सारे रिकॉर्ड जुड़े

कुंभ के आयोजन के साथ बहुत सारे रिकॉर्ड जुड़ गए। कुंभ के आयोजन के साथ लगभग 72 देशों के राजदूतों ने अपने-अपने देशों के राष्ट्रीय ध्वज को कुंभ परिक्षेत्र में स्थापित कर के इसे वैश्विक मान्यता दी है।

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