अखिलेश यादव ने स्वर्ण मन्दिर सहित सभी गुरद्वारों से लंगर और प्रसाद वितरण पर केन्द्र सरकार द्वारा लागू जीएसटी तत्काल हटाने की मांग की

स्वर्ण मंदिर में हर दिन लगभग 80 हजार से एक लाख तक की तादाद में संगते रोज लंगर छकती हैं। यह सेवा 24 घंटे चलती है। 17 जुलाई से दिसम्बर 2017 तक सरकार जीएसटी के मद में 2 करोड़ रूपए कर वसूल चुकी है।

Update: 2018-04-07 14:51 GMT
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने स्वर्ण मन्दिर, अमृतसर सहित सभी गुरद्वारों से लंगर और प्रसाद वितरण पर केन्द्र सरकार द्वारा लागू  तत्काल हटाने की मांग का समर्थन किया हैं और कहा है कि बिना किसी भेदभाव के सभी को निःशुल्क भोजन दान को भाजपा ने दण्डित करने का निंदनीय कार्य किया है। भाजपा सरकार को न केवल लंगर सेवा अपितु लंगर की खरीद को भी जीएसटी मुक्त करना चाहिए। धार्मिक स्थलों में इस तरह जहां सबके लिए भोजन की व्यवस्था हो, वहां जीएसटी लगाने का कोई औचित्य नहीं है।
       पूर्व मुख्यमंत्री  ने कहा कि पिछली सरकारों ने वैट भी माफ किया था। भारतीय गणतंत्र के 70 वर्षों में 11 प्रधानमंत्री हुए, कभी लंगर सेवा पर कोई टैक्स नहीं लगा, श्री नरेन्द्र मोदी 12वें प्रधानमंत्री हैं जिनके समय गुरद्वारों में लंगर पर जीएसटी टैक्स थोप दिया गया है।
        अखिलेश यादव ने कहा कि वे पूरी तरह सिखों के दर्द और सम्मान के साथ हैं।  गुरू नानक देव जी ने 450 वर्ष पूर्व लंगर की प्रथा प्रारम्भ की थी। स्वर्ण मंदिर में हर दिन लगभग 80 हजार से एक लाख तक की तादाद में संगते रोज लंगर छकती हैं। यह सेवा 24 घंटे चलती है। 17 जुलाई से दिसम्बर 2017 तक सरकार जीएसटी के मद में 2 करोड़ रूपए कर वसूल चुकी है। इसे वापस किया जाए। इससे सिख समाज में भारी रोष है। केन्द्र सरकार को सिख समाज की भावना का सम्मान करते हुए देश भर में लंगर सेवा और इसके सामान की खरीद पर तत्काल जीएसटी खत्म कर देनी चाहिए।
                                                                

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