शैक्षणिक संस्थानों को अनिवार्य रूप से छात्रों को विविध और समृद्ध अध्ययन अनुभव उपलब्ध कराना चाहिए : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने रौजाथुल उलूम एसोसिएशन के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित किया

Update: 2018-02-17 15:18 GMT
The Vice President M. Venkaiah Naidu at the Platinum Jubilee Celebrations of Rouzathul Uloom Association, at Farook College, in Calicut, Kerala on February 17, 2018. The Minister for Local Administration, Kerala, K.T. Jaleel and other dignitaries are also seen.
 कालीकट : उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडु ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों को अनिवार्य रूप से छात्रों को विविध और समृद्ध अध्ययन अनुभव प्रदान करना चाहिए। वह आज केरल के कोझिकोड में फारूक महाविद्यालय में रौजाथुल उलूम एसोसिएशन के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केरल के स्थानीय प्रशासन मंत्री  के टी जलील एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
      उपराष्ट्रपति  ने कहा कि जीवन पर्यंत शिक्षार्थी बनने के लिए हमें अपनी स्कूली शिक्षा के प्रारंभिक दिनों में मजबूत नींव डालने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि उत्सुक बनने, अवलोकन करने, विश्लेषण करने, समन्वय करने, निष्कर्ष निकालने, परिकल्पना का परीक्षण करने एवं ज्ञान के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ने की क्षमता विकसित हो।
उपराष्ट्रपति  ने कहा कि शिक्षा प्रबंधकों, शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं को एक ऐसी प्रणाली का विकास करना चाहिए जिसमें मार्गदर्शी सिद्धांतों के रूप में 'समानता' और 'गुणवत्ता' हो। उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रत्येक छात्र महत्वपूर्ण है और प्रत्येक छात्र तथा युवाओं के साथ व्यतीत किया गया समय बहुमूल्य होता है।
उपराष्ट्रपति  ने कहा कि शिक्षा मुक्ति का एक माध्यम है और यह हमें निर्भरता से मुक्त करता है और आत्म विश्वास की भावना का संचार करता है। उन्होंने हा कि अगर हम अच्छी शिक्षा की सुविधा को विस्तारित नहीं करते हैं तो हमारे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच बड़ी खाई उत्पन्न हो जाएगी जो आर्थिक प्रगति का लाभ समाप्त कर सकती है।

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