समय आ गया है कि ''सच्चाई पर चर्चा'' होनी चाहिए :अखिलेश यादव
समाज का हर वर्ग पीड़ित और आक्रोशित है। कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है।
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अब समय आ गया है कि ''सच्चाई पर चर्चा'' होनी चाहिए कि चार साल केंद्र में और एक वर्ष राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारों ने जनकल्याण के कौन से काम किए हैं ? डबल इंजन की सरकारों ने इन पांच वर्षों में सिर्फ चाय पर चर्चा की है। अब चाय पर नही सच्चाई पर चर्चा होनी चाहिए कि देश की इतनी दुर्दशा कैसे हो गई?
स्थिति यह है कि समाज का हर वर्ग पीड़ित और आक्रोशित है। कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है। किसान बदहाल है और आत्महत्याएं कर रहा है। महिलाओं और बच्चियों तक की इज्जत सुरक्षित नहीं है। व्यापारी, अधिवक्ता, शिक्षक सभी परेशान हैं। चुनाव के समय भाजपा ने जो वादे किए थे उन्हें भुला दिया गया है? भाजपा सरकार सच्चाई का सामना करने से कतराती है।
सच तो यह है कि भाजपा राज में देश-प्रदेश पांच साल पीछे चले गए हैं। मंहगाई पर रोक नहीं लगी है। जनता की गाढ़ी कमाई पूंजी घराने लूट रहे हैं। भाजपा की नीतियां कारपोरेट घरानों के हित में है। इनकी नीयत गरीबों की भलाई करने की नहीं है। नौजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। उन्हें रोजगार देने के दावे झूठे साबित हुए हैं। छोटे उद्योगधंधे बंद हो रहे हैं। देश के एक प्रतिशत के पास 73 फीसद सम्पत्ति है। भाजपा की नीतियों के फलस्वरूप आर्थिक-सामाजिक गैरबराबरी बढ़ी है।
इसमें दो राय नहीं कि भाजपा सरकारों की गलत नीतियों के चलते प्रदेश में तमाम विषमताएं पैदा हो गई हैं। आज तक इन सरकारों ने अपनी जनहित की कोई योजना नहीं पेश की है। बल्कि प्रदेश में तो समाजवादी सरकार की योजनाओं को ही अपना नाम देकर चलाया जा रहा है। अखिलेश यादव जी ने समाजवादी सरकार के कार्यकाल में जिन योजनाओं का उद्घाटन किया था उनका ही पुनः उद्घाटन कर नेकनामी हासिल की जा रही है। इसलिए भाजपा सरकार ने जनहित में जिन विषयों की अनदेखी की है उनकी ''सच्चाई पर चर्चा'' होना बहुत जरूरी है। जनता को इससे पता चलेगा कि ''मन की बात'' की असली मंशा क्या है ?