केन्द्र सरकार ने अपना कागजी बजट पेश कर बड़े-बड़े वादों की झोली खोल दी है जो पूरी तरह खोखली है
केन्द्रीय बजट घोर निराशा जनक है। यह चलते-चलते पूंजी घरानों को उपकृत करने के लिए ही पेश किया गया है। इससे बड़े यांत्रिक कारखाने चलेंगे। लघु एवं कुटीर उद्योग बंद हो जाएंगे। गांधी जी कहते थे श्रम शक्ति प्रधान भारत में श्रम पूंजीवाले उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए इससे स्वतः ही रोजगार बनता।
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