समृद्धिशाली भारत निर्माण के लिए खादी का विकास जरूरी : सत्यदेव पचौरी

खादी वस्त्रों की बिक्री पर रिबेट को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया

Update: 2018-01-25 14:29 GMT
लखनऊः  खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री  सत्यदेव पचौरी ने कहा कि जब तक हर व्यक्ति खादी नहीं पहनने लगता और जन-जन में खादी प्रिय नहीं हो जाती तब तक सरकार की खादी को प्रोत्साहित करने की मंशा पूर्ण नहीं होगी। उन्होंने कहा कि समृद्धिशाली भारत निर्माण के लिए खादी का विकास जरूरी है। राज्य सरकार खादी को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार खादी का उत्पादन बढ़ाने और रोजगार के अवसर सृजन करने की दिशा प्रयत्नशील है।
   सत्यदेव पचौरी ने यह विचार आज चारबाग स्थित बाल संग्रहालय लाॅन में उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित 15 दिवसीय राज्य स्तरीय खादी तथा ग्रामोद्योग प्रदर्शनी के शुभारम्भ के बाद व्यक्त किये। इससे पूर्व उन्होंने प्रदर्शनी स्थल पर स्थापित गांधी  प्रतिमा पर माल्यापर्ण भी किया। सत्यदेव पचौरी ने कहा कि प्रदर्शनी के आयोजन का उददेश्य ''एक जनपद एक उत्पाद'' की विचारधारा को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि मौजूद फैशन के मुताबिक खादी के उत्पाद को तैयार कर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में पहचान दिलाई जा सकती है। इसके लिए खादी की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि फैशन के अनुसार जब खादी होगी, तभी फैशन आफ नेशन बनेगी।
 मंत्री सत्यदेव पचौरी ने खादी की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खादी प्रकृति का संरक्षण करती। खादी का वस्त्र तन को सुरक्षित ही नहीं रखता, बल्कि मन को शुद्ध भी करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर हाथ में काम और हर खेत में पानी का सपना सच करना चाहती है। इसके लिए ग्रामोद्योग को भरपूर बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई जा रही हैं।
 सत्यदेव पचौरी ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा पूर्व में खादी वस्त्रों की बिक्री पर मात्र 10 प्रतिशत रिबेट की व्यवस्था की गई थी, जो कि 2 अक्टूबर से 108 कार्य दिवसों हेतु मान्य होती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के मार्गदर्शन में इसे 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है, जो कि 108 कार्य दिवसों के स्थान पर पूरे वर्ष भर लागू रहेगी। जिसमें से 5 प्रतिशत सीधे कत्तिनों एवं बुनकरों को उपलब्ध कराई जायेगी। इससे खादी का काम करने वाले पिछड़े व गरीब वर्ग को सीधे लाभ मिलेगा।
 अपने उद्बोधन में उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी,  अविनाश कृष्ण सिंह ने शीघ्र से प्रारम्भ होने वाली पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देेतु हुए बताया गया कि इस योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड में आने वाले 24 जनपदों में ''एक जनपद-एक उत्पाद'' के अन्तर्गत चिन्हित उद्योगों को वरीयता दी जायेगी। योजना के क्रियान्वयन से पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों के अन्तर्गत स्थापित लगभग 4500 इकाईयां लाभान्वित होंगी। इस योजना में स्थापित इकाईयों को अधिकतम 13 प्रतिशत ब्याज उपादान का लाभ एवं 3 वर्षों तक अन्य सुविधा अनुमन्य होगी। इसके अन्तर्गत खनिज, वन, कृषि, खाद्य, बहुलक-रसायन, इंजीनियरिंग व गैर परम्परागत ऊर्जा तथा वस्त्र और सेवा आधारित उद्योग पात्र सम्भावित उद्योग समूह के रूप में होंगे। उन्होंने बताया कि आज खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों एवं योजनाओं को जन सामान्य तक पहुंचाने व उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित कराने हेतु नयी विस्तृत खादी तथा ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति बनाई जा रही है।
 इस अवसर पर  अविनाश त्रिवेदी, विधायक, बक्शी का तालाब भी उपस्थित हुए। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वन्दना के साथ हुई तत्पश्चात् अतिथिगणों का स्वागत स्वागत गीत प्रस्तुत कर किया गया। इसके पश्चात राष्ट्रीय कथक संस्थान लखनऊ के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई साथ ही अन्य रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

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