अमित शाह का पूर्वोत्तर मिशन
यही फार्मूला अब मेघालय, त्रिपुरा, नगालैण्ड और मिजोरम में भी लागू होना है। मेघालय में कांग्रेस का बिखराव हो चुका है और त्रिपुरा में वहां के प्रभारी अरुण सिंह ने जनता को माणिक सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है। इस प्रकार मेघालय और त्रिपुरा में भाजपा का अभियान जोर पकड़ रहा है। पार्टी अध्यक्ष अमितशाह 7 जनवरी को त्रिपुरा पहुंचे और पार्टी कार्यकर्ताओं मंे नया जोश भरा है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी यह बात सार्वजनिक रूप से कहने लगे हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और वाममोर्चा के बीच ही होना है। माणिक सरकार ने फिर से राज्य के बंगालियों को अपने पक्ष में करने का प्रयास शुरू किया है। इसी संदर्भ में गत दिनों कोलकाता में कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माक्र्सवादी) की पश्चिम बंगाल इकाई के राज्य सम्मेलन में कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा में सरकार के खिलाफ साम्प्रदायिक मोर्चा खड़ा किया है और भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रयास यह है कि जनजातीय समुदाय के लिए अलग राज्य बनाया जाए। इसके साथ ही भाजपा यह भी चाहती है कि अगले विधानसभा चुनाव वाममोर्चा सरकार के नेतृत्व में न होने पाएं। माणिक सरकार कहते हैं कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहती है और इसके लिए संवैधानिक गतिरोध पैदा कर रही है।
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