कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद बच्चों को ना दें यह चीज

कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए देशभर में 15 से लेकर 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो चुका है

Update: 2022-01-08 08:26 GMT

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए देशभर में 15 से लेकर 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान के अंतर्गत इस आयु वर्ग के बच्चों को कोरोना से बचाव की दवाई के तौर पर वैक्सीन की खुराक दी जा रही है। वैक्सीनेशन सेंटर पर टीके लगा रहे स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से पेरासिटामोल की गोली लेने की सलाह दी जा रही है। लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक की ओर से साफ किया गया है कि वैक्सीन लगने के बाद बच्चों को पेरासिटामोल अथवा कोई अन्य पेन किलर दवा लेने की जरूरत नहीं है।

शनिवार को कोरोना से बचाव की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक की ओर से किए गए ट्वीट के अंतर्गत जानकारी दी गई है कि कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगवाने के बाद बच्चों को पेरासिटामोल अथवा कोई अन्य पेन किलर दवाई लेने की जरूरत नहीं है। कंपनी की ओर से दी गई इस जानकारी के बाद अब लोगों के भीतर चर्चा शुरू हो गई है कि अगर बच्चों में वैक्सीनेशन के पश्चात किसी तरह के साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं तो उन्हें पेरासिटामोल अथवा पेन किलर के बजाय क्या दिया जाए? दरअसल कोरोना से बचाव की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी का मानना है कि वैक्सीनेशन के बाद पेरासिटामोल का लेना बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। दर्द निवारक दवा के तौर पर पेरासिटामोल अथवा अन्य पेनकिलर लिये जाने से यह दवाईयां उनके लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है।



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