निर्दयी नहीं हैं हम, रखते हैं जनता का ख्याल- संयुक्त मोर्चा

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के बावजूद केंद्र सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है।

Update: 2021-03-01 09:11 GMT

नई दिल्ली। 5 दिन तक दूध नहीं बेचने और उसके बाद 100 रूपये प्रति किलो दाम लिए जाने के फैसले से संयुक्त किसान मोर्चा ने पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि वह इतने निर्दयी नहीं है जो सरकार की तरह मंहगाई के कारण लोगों की बिगडती हालत की तरफ आंख उठाकर भी ना देखें। 

नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के बावजूद केंद्र सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है। इसी के चलते किसानों की तरफ से लगातार कई फैसले लिए जा रहे हैं। हाल ही में कुछ दिन पहले खबर आई थी कि किसान दूध का दाम बढ़ाएंगे। सोशल मीडिया कि जरिये हवा में तैरती खबरों में दूध के दाम 100 रूपय प्रति किलो किए जाने की बात कही गई थी। जिसमें मंहगाई की मार झेल एक बडे झटका समझते हुए इस पर नजदीकी निगाह सांसे थामकर लगाये हुए थे।

सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने इन खबरों को गलत बताते हुए कहा कि यह खबर कोरी अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है। दूध के दाम बढ़ाने की खबर में दूर तक भी कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि ऐसा करने से सरकार किसानों की मांग मान लेगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जिस तरह से पहले दूध को बेचा जा रहा था उसी तरह अभी भी दूध बिकता रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वह केंद्र सरकार की तरह निर्दयी नहीं है जो रोजाना डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी कर देश के लोगों का कलेजा बाहर निकालने को तैयार है। उसे केवल अपना खजाना भरने की ललक है। सरकार को मंहगाई के कारण लोगों की बिगड़ती आर्थिक दशा दिखाई नहीं दे रही है।

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