सेल्वा कुमारी ने संभाली मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी की कुर्सी
आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयाराजन ने मद्रास विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी में डिग्री प्राप्त की है।
मुजफ्फरनगर। डीएम के रूप में जनपद की कमान सम्भालने वाली 2006 बैच की आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयाराजन की पहचान नौकरशाही के गलियारे में बेहद संवेदनशील, समझदार, लगनशील और मेहनती अधिकारी के रूप में होती है। उनकी लगन का ही नतीजा था कि जब इटावा में डीएम तैनात की गयी थी, तो उन्हें हिन्दी बिलकुल नहीं आती थी और हिन्दी भाषी क्षेत्र में अधिकारी हाने के कारण हिन्दी नहीं आने का उन्हें मलाल रहता था, लेकिन उन्होंने ठान लिया कि हिन्दी सीखना है तो बेहद कम समय में आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने हिन्दी पर कमाण्ड़ पा ली। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक गांव में आयोजित रात्री चौपाल में अपना उदाहरण देते हुए महिलाओं से कहा था कि मैं जब डीएम बनकर आप लोगों के बीच आई थी तो मुझे हिंदी बोलना नहीं आता था, मुझे और आप जैसी माताएं बहनों को बहुत दिक्कत होती थी। मैं उनकी बात नहीं समझती थी, वह हमारी नहीं समझ पाते थे, फिर मैंने संकल्प लिया कि मुझे हिंदी सीखनी है और मैंने बहुत कम वक्त में हिंदी सीखी और आज आप देख रहे हैं कि मैं आपके सामने हिंदी बोल रही हूं।
विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत
एक दिन में 9 करोड़ पौध रोपण महा अभियान प्रशस्ति पत्र
आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयाराजन ने मद्रास विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी में डिग्री प्राप्त की है। उन्हें एलबीएसएनएए में द्वितीय चरण के दौरान ग्रामीण अध्ययन रजत पदक, तीसरे चरण में सर्वश्रेष्ठ केस स्टडी के लिए पुरस्कार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला कल्याण, स्वास्थ्य और स्वच्छता में अग्रणी कार्य करने के लिए नारी शक्ति पुरस्कार, निकायों और उद्योग विभाग के विभिन्न पुरस्कारों सहित ट्रस्ट आधारित बिलिंग के लिए पुरस्कार, क्लाउड आधारित शहरी बिलिंग और केस्को कानपुर के प्रमुख के रूप में नवाचारों के लिए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है।
सेल्वा कुमारी जयाराजन ग्रामीण विकास विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात रही
ज्ञात हो कि मुजफ्फरनगर में बतौर जिलाधिकारी तैनाती से पहले सेल्वा कुमारी जयाराजन ग्रामीण विकास विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थी। आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जे ने सरकारी सेवा का सफर 9 जून 2007 को भोलेनाथ की नगरी काशी यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से बतौर सहायक मजिस्ट्रेट/कलेक्टर शुरू किया था, उसके बाद वे इसी पद पर ललितपुर और फिर 29 मई 2008 से 7 अगस्त 2008 तक वाराणसी में तैनात रहीं। 7 अगस्त 2008 से 17 नवम्बर 2009 तक सेल्वा कुमारी जे बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महोबा, बस्ती व झांसी में तैनात रहीं, इसके बाद 17 नवम्बर 2009 को उन्हें झांसी में ही मुख्य विकास अधिकारी पद पर तैनात किया गया। 14 फरवरी 2011 से 1 मार्च 2011 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड़ इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट विकास में विशेष सचिव रहने के बाद आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयाराजन को 3 मार्च 2011 में पहली बार कासंगज की डीएम बनाया गया। उसके बाद 30 अप्रैल 2011 को कन्नौज, 26 मार्च 2014 से 6 जून 2014 तक बहराइच, 19 जून 2014 से 13 अक्टूबर 2014 तक एटा, 20 जनवरी 2017 से 25 अप्रैल 2017 तक फतेहपुर, 26 अप्रैल 2017 से 15 फरवरी 2019 तक इटावा और 15 फरवरी 2019 से 8 जून 2019 तक फिरोजाबाद में बतौर डीएम तैनात रहीं। इस बीच वे 10 मई 2013 से 10 जून 2013 तक आगरा में आरएफसी, 11 जून 2013 से 25 मार्च 2014 तक लखनऊ में वाणिज्य कर विभाग की अपर आयुक्त पद पर तैनात रहीं। सेल्वा कुमारी जे ने 16 जुलाई 2015 से 19 जनवरी 2015 व 16 जुलाई 2015 से 19 जनवरी 2017 तक कानपुर में कैस्कों के प्रबन्ध निदेशक का पदभार भी सम्भाला था।
जनवरी 2019 में 2006 बैच के कौशल राज शर्मा, डॉ. सारिका मोहन, जुहेर बिन सगीर, प्रांजल यादव, अभिषेक प्रकाश, अरविंद कुमार सिंह, योगेश कुमार शुक्ल, राजीव शर्मा, विवेक वाष्र्णेय, डॉ. अरुण वीर सिंह, श्याम सुंदर शर्मा, राजेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र प्रसाद, राजेंद्र प्रताप पांडे, शाहिद मंजर अब्बास रिजवी, मोहम्मद शफकत कमाल व शकुंतला गौतम के साथ सेल्वा कुमारी जे को प्रमोशन भी मिला था।
सेल्वा कुमारी जयाराजन कैस्को में एमडी रहीं
कैस्को में एमडी रहते हुए उन्होंने एक बार एक इन्टरव्यू में कहा था कि अधिक से अधिक लोगों से जुड़ना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है, इससे आप अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुचा सकते हैं और अधिक से अधिक लोगों की बातें सुनकर अच्छी फीडबैक भी ले सकते हैं। इसी इंटरव्यू के दौरान उन्होंने माना था कि रिश्वत देने वाला और लेने वाला दोनों दोषी हैं, क्योंकि जब तक देने वाला देता रहेगा तो लेने वाला भी लेता रहेगा।
सेल्वा कुमारी जयाराजन ने कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के तौर पर उत्कृष्ट कार्य किया
कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में 2 साल 2 महीने के कार्यकाल में उनका प्राथमिक कर्तव्य 500 हजार उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना रहा। इस दौरान उन्होंने राजस्व प्राप्ति, बिजली चोरी विरोधी चोरी अभियान चलाकर बजली की चोरी को कम करने, बिजली घाटे को कम करने, उपभोक्ताओं के लिए नए कनेक्शन जारी करने, बेहतर प्रबंधन के लिए आईटी गतिविधियों और सेवाओं को मजबूत करने, सबस्टेशनों, संग्रह केंद्रों और स्टोरों की प्रभावी निगरानी करने सहित सिस्टम में सुधार और केस्को के कानूनी मामले को हल बखूबी हल किया।
सेल्वा कुमारी जयाराजन ने एटा जिले में डीएम के रूप में 59 लोकवाणी और 140 जन सेवा केंद्र स्थापित किए
एटा में डीएम के रूप में अपने 5 महीने के कार्यकाल में सेल्वा कुमारी जे ने अस्पतालों और स्कूलों की लगातार जाँच से डॉक्टरों और शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार, दूरदराज के गांवों में हर महीने दो चिकित्सा शिविर आयोजित करना, नगर क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने का काम करने सहित कई सड़कों के चैड़ीकरण का काम किया था। पीडीएस और एलपीजी की आपूर्ति में लगातार छापे से सुधार हुआ था। इसके लिए 6 प्राथमिकी भी दोषियों के खिलाफ दर्ज करायी गयी थी। इस दौरान आय, जाति, अधिवास और 23 अन्य प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए पूरे जिले में 59 लोकवाणी और 140 जन सेवा केंद्र स्थापित किए गए थे।
जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में जिले की विधान सभा सीटों के लिए आम चुनाव का बखूबी संचालन किया
फतेहपुर मे जिला कलेक्टर के रूप में अपने 3 महीने के कार्यकाल में उन्होंने कानून और व्यवस्था के रखरखाव के लिए, भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, सरकार की समन्वित विकास परियोजनाएं व कार्यक्रम और जिले में गरीबी में कमी, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, आवास के प्रमुख कार्यक्रम। जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में जिले की विधान सभा सीटों के लिए आम चुनाव का बखूबी संचालन किया था।
तहसील दिवस में शिकायत आने पर सफाई और पेय जल के मुद्दे पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयाराजन ने उप जिला अधिकारी व नाजिर को तलब करके उन्होंने सख्त हिदायत दी थी कि यदि शौचालय की साफ सफाई कायदे से नहीं होती है तो नाजिर को शौचालय के पास ही बैठाया जाए ताकि सफाई मुस्तकिल तरीके से हो। उन्होने निर्देश दिये थे कि मैं नहीं सुनना चाहती कि केवल तहसील दिवस के दिन सफाई हो, बाकी के दिनों में लोग गंदगी के शिकार रहें ऐसा दोबारा आने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
सेल्वा कुमारी जयाराजन मानना है कि इटावा में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में उनका सबसे संतोषजनक काम राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त के लिए किये गये कार्य हैं
2006 बैच की आईएएस अफसर सेल्वा का मानना है कि इटावा में जिला मजिस्ट्रेट के रूप में उनका सबसे संतोषजनक काम राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त के लिए किये गये कार्य हैं। एक वर्ष की अवधि के दौरान, 150 हजार व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया। नवाचार रणनीतियों में से एक कॉलेज के छात्रों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं, स्वच्छाग्रहियों के बीच स्वच्छता प्रहरी को तैनात करने के माध्यम से जागरूकता फैलाना था, जिन्होंने स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 685 से अधिक गांवों का दौरा किया।
चुनाव के दौरान बतौर डीएम सेल्वा कुमारी जयाराजन ने मानवता का परिचय देते हुए कार्मिकों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं जानीं थी और उनसे पूछा भी था कि कोई परेशानी तो नहीं आ रही। इसके अलावा उन्होंने बार-बार व्यवस्थाओं को देखा था, ताकि कार्मिक परेशान न रहें। इटावा के ही चम्पानेर गांव में रात्रि 8 बजे आयोजित चौपाल मे समस्त गांव की महिलाएं व बच्चों की भूमिका मुख्य रही थी। उस चैपाल में डीएम सेल्वा कुमारी जे ने महिलाओं को शिक्षा के प्रति जागरुक करते हुए बताया कि अब सारे कार्य सरकार के ऑनलाइन किए जा रहे है। अगर आपको अपना नाम पढ़ना नहीं आता है, तो आपको जागरूक होकर इतना साक्षर होना पडेगा कि आप चीजों को समझ सके और हस्ताक्षर भी कर सकें, क्योंकि आगे आने वाले समय में हस्ताक्षर ही मान्य होंगे। अंगूठा सिर्फ आधार कार्ड तक रह जाएगा।
इसी दौरान उन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए बेहद जटिल मामले को चुटकियों में हल कर दिया था। हुआ यूं था कि अक्षय यादव ने चाचा शिवपाल यादव पर आरोप लगाया था कि उन्होंने नामांकन प्रपत्र में झूठा हलफनामा दिया है। दूसरी शिकायत यह थी कि नामांकन में उन्होंने अपनी पार्टी का खुलकर नाम नहीं लिया। दोनों ही आपत्तियों को लेकर नामांकनों की जांच रिटर्निंग अधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने की। जांच में दोनों ही आपत्तियों को खारिज कर करके मामले को सरलता से निपटा दिया था। उन्होंने सरकारी सेवा में तो कई बार अपनी काबलियत को प्रदर्शित किया है, निजी तौर पर भी वे कई मोर्चों पर बेहद खरी उतरी हैं।