CM योगी का हुक्म- शहर को अतिक्रमण मुक्त करके आकर्षक रूप में किया जाए विकसित
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में जनपद मेरठ को स्मार्ट;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में जनपद मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में ‘इण्टीग्रेटेड डेवलपमेण्ट प्लान’ की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस योजना के अंतर्गत कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है। इनमें से 06 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि जनपद मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए सभी योजनाएं पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप क्रियान्वित की जाएं। मेरठ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक विकास तक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। खेल, उद्योग तथा शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केन्द्र होने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता के कारण यह शहर विशेष पहचान रखता है। इसके दृष्टिगत इसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहर की भीड़-भाड़ की समस्या और यातायात कन्जेशन को दूर करने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम को समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट मेरठ नगर में केवल डिजिटल होर्डिंग्स लगाए जाने, पूरे नगर को सी0सी0टी0वी0 कवरेज में लाने तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों के सहयोग से निगरानी तंत्र को सशक्त बनाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि सी0सी0टी0वी0 कैमरों की फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को सुलभ होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की बात करते हुए कहा कि मेरठ को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में ढालना है। उन्होंने स्वच्छ नगर की परिकल्पना को साकार करने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण को सुनिश्चित करने और नदियों के पुनर्जीवन के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा कि सीवर निस्तारण के लिए एस0टी0पी0 अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन ड्रेनेज को प्राकृतिक व्यवस्था से जोड़ना अधिक प्रभावी होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया कि यह विकास योजना 06 प्रमुख विषयों पर आधारित है, जिनमें सार्वजनिक स्थलों का सौन्दर्यीकरण एवं वॉक-फ्रेण्डली व्यवस्था, निर्बाध आवागमन, पर्यावरणीय एवं सामाजिक जनसुविधाएं, औद्योगिक और आवासीय अधोसंरचना का विकास, ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण तथा पुनर्विकास शामिल हैं। इन परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक चरणों में विभाजित किया गया है। 41 परियोजनाएं एक वर्ष के भीतर पूरी की जानी हैं।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में मेरठ की आबादी लगभग 23 लाख थी, जो वर्ष 2041 तक बढ़कर 33.52 लाख होने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना को देखते हुए जनपद मेरठ के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करना अनिवार्य है।
बैठक में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेस-वे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, वेस्टर्न रिंग रोड, इण्टरनल रिंग रोड, स्मार्ट सड़कें, प्रमुख चौराहों का पुनर्विकास और सांस्कृतिक स्थलों के विकास जैसी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। संजय वन, सूरजकुण्ड, विभिन्न थीम पार्कों, तालाबों और ऐतिहासिक स्थलों के सौन्दर्यीकरण की परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण के साथ जीवन गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएंगी।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि स्थानीय पार्कों का रख-रखाव बेहतर हो और संजय वन तथा विक्टोरिया पार्क जैसे स्थलों को जीवन्त बनाया जाए। उन्होंने मेरठ मण्डपम के निर्माण को आयोजनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह स्थल नगर को सांस्कृतिक गतिविधियों के क्षेत्र में नई पहचान देगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 52 किलोमीटर लम्बी वेस्टर्न रिंग रोड तथा वेदव्यासपुरी से लोहियानगर तक इनर रिंग रोड को सुगम रोड कनेक्टिविटी के लिए अत्यंत उपयोगी बताया। बैठक में अबू नाला प्रथम की पटरी पर प्रस्तावित आन्तरिक रिंग रोड, क्षेत्रीय सम्पर्क मार्ग, मेरठ-परिक्षितगढ़ मार्ग, दौराला-मसूरी, रोहटा और गढ़ रोड जैसे मार्गों के चौड़ीकरण की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह भी जानकारी दी गई कि ’सी0एम0 ग्रिड मेरठ’ योजना के अन्तर्गत नगर की प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड में परिवर्तित किया जाएगा। इनमें भूमिगत यूटिलिटी डक्ट, एल0ई0डी0 लाइटें, फुटपाथ और संकेत व्यवस्था जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि सम्पूर्ण नगर को अतिक्रमण मुक्त करके उसे आकर्षक स्वरूप में विकसित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी अनधिकृत निर्माण न हो। सड़क निर्माण के साथ यूटिलिटी डक्ट भी तैयार हों ताकि बार-बार सड़कों की खुदाई न करनी पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद मेरठ में परम्परागत रूप से आभूषण निर्माण का कार्य होता रहा है। इस पारम्परिक कौशल को संगठित रूप देते हुए मेरठ को ज्वेलरी हब के रूप में विकसित किया जाए। इसके अन्तर्गत कारीगरों के लिए साझा कार्यस्थल, आधुनिक उपकरण, विपणन सहायता और सुरक्षा सम्बन्धी ढांचा उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह भी अवगत कराया गया कि नगर निगम, नगर विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और आवास विकास परिषद की भागीदारी से योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्रेनेज और सीवरेज प्रणाली के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि इसे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तैयार किया जाए। जनसंख्या घनत्व में वृद्धि और बदलते शहरी परिदृश्य के अनुरूप जल प्रबन्धन की योजनाएं वैज्ञानिक व तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इण्टीग्रेटेड डिविजनल ऑफिस की परियोजना को जनता से सीधे जुड़ा हुआ बताते हुए कहा कि इसका बाह्य स्वरूप (फसाड) नगर की सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिम्बित करने वाला होना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से आमजन व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को जनपद मेरठ के ‘इण्टीग्रेटेड डेवलपमेण्ट प्लान’ में शामिल किए जाने की सराहना की और निर्देश दिए कि योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए। मेरठ को प्रदेश के अन्य नगरों के लिए एक प्रेरक उदाहरण बनाकर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।