सौतेले व्यवहार पर सिख समुदाय की चिंता

सिखों की उपेक्षा की जाती है” जैसे नारे लिखे पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है।;

Update: 2020-10-11 13:44 GMT

श्रीनगर। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सर्वदलीय सिख समन्वय समिति( एपीएससीसी) ने देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवासियों और गैर-प्रवासी कश्मीरियों को प्रवेश में रियायत देने संबंधी सरकारी आदेश के खिलाफ रविवार को यहां प्रदर्शन किया।

एपीएससीसी के सदस्यों ने प्रवासियों और गैर-प्रवासी कश्मीरियों को प्रवेश में रियायत देने संबंधी सरकारी आदेश के तहत सिख समुदाय को भी शामिल करने की मांग को लेकर श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव के समीप प्रदर्शन किया। "कश्मीर में सिखों की उपेक्षा की जाती है" जैसे नारे लिखे पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन तेज किया जायेगा।

एपीएससीसी के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की ओर से जम्मू कश्मीर के लिए हाल में घोषित पैकेज कुछ चुनिंदा समुदाय के लिए हैं। सरकार की ओर से प्रवासियों और गैर-प्रवासी कश्मीरियों को प्रवेश में रियायत देने संबंधी आदेश भेदभावपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि इस आदेश के जरिए भी केंद्र शासित प्रदेश में सिखों सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा , " पहले भी केंद्र की ओर से घोषित नौकरी पैकेज केवल प्रवासी और गैर-प्रवासी हिंदुओं के लिए थे। सिख भी घाटी में रहते हैं और पिछले तीन दशकों में वे काफी पीड़ित हुए हैं।"

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