किसान की जमीन छिनी, तो दे दूंगा इस्तीफाः संजीव बालियान
संजीव बालियान ने कृषि बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यदि किसी कंपनी ने किसान की जमीन छीनी तो सबसे पहले त्याग पत्र देंगे।
मुजफ्फरनगर। केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कृषि बिल का समर्थन करते हुए जोरदार आवाज में कहा कि यदि किसी कंपनी ने किसान की जमीन छीनी, तो वे पहले सांसद होंगे, जो सबसे पहले त्याग पत्र दे देंगे। उन्होंने भारी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान की जमीन कोई भी नहीं छीन सकता।
मजदूर किसान समिति के बैनर तले आज कृषि बिलों के समर्थन में जीआईसी के मैदान में किसान पंचायत का आयोजन किया गया। किसान पंचायत में भारी संख्या में महिलाओं ने प्रतिभाग किया, जो कि एक आश्चर्य की बात रही। किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि जिस दिन कोई भी उद्योगपति या कंपनी किसानों की जमीन छीनने की कोशिश करेगा, उस दिन वे सबसे पहले सांसद होंगे जो अपना त्याग पत्र सौंप देंगे। उन्होंने कहा कि कृषि बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है, किसान की जमीन कोई छीनने की सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ है। सरकार चाहती है कि कानून व्यवस्था बेहतर हो। सरकार चाहती है कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो।
उन्होंने कहा कि सरकार बनाने में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन को चलते हुए 100 दिन हो चुके हैं। सरकार आपसे बात करना चाहती है। आईये मुद्दों पर बात कीजिये। उन्होंने कहा कि यदि कृषि कानूनों में कोई भी काला शब्द होगा, तो उसे हमें बताईये, उसे निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें बताएं, कानून में क्या कमी है, उस कमी को निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि भ्रम न फैलाएं, यदि कृषि कानूनों में कुछ भी बुरा है, तो उसे बताएं, हम वार्ता के लिए तैयार है, जो भी गलत है, उसे हर हाल में निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि जाति विहीन समाज की सोच को लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए फसल बेचने में किसी प्रकार की कोई बंदिश नहीं है। किसान चाहें, तो सरकारी मंडी में अपनी फसल बेचें, किसान चाहें तो प्राईवेट रूप से अपनी फसल बेचें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिजली की समस्या को दूर किया है। किसानों के हितों में कई योजनाएं चलाई हैं। सरकार किसान हितैषी है। कोई किसान की जमीन को हथिया लेगा, यह सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है। इस भ्रम से बचें।
रिपोर्टः प्रवीण गर्ग