आदरपूर्वक अंतिम संस्कार न दिए जाने पर उपराष्ट्रपति ने जताया खेद

उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य प्रशासन और मीडिया से इस संक्रमण के बारे में लोगों को प्रमाणिक जानकारी देने का आग्रह किया ।

Update: 2020-07-26 12:22 GMT

नई दिल्ली उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के प्रति भेदभाव तथा संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसे आदरपूर्वक अंतिम संस्कार तक न दिए जाने की घटनाओं पर गहरा खेद जताया।

उन्होंने ऐसी घटनाओं को नितांत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और स्थानीय समुदाय और वृहत्तर समाज से ऐसी वृत्तियों को रोकने को कहा।

अपने फेसबुक पोस्ट में  नायडू ने कहा कि ऐसी कुवृत्तियों को जड़ से समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा संक्रमित व्यक्ति सहायता और संवेदना की अपेक्षा करता है। कोई भी इस संक्रमण से पूरी तरह से निरापद नहीं है, यह अदृश्य वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है।

उन्होंने कहा ऐसा खेदजनक असंवेदनशील भेदभाव भारत की उस सहिष्णुतावादी परंपरा के विरुद्ध है जिसने समय-समय पर आहत मानवता के प्रति दया और करुणा का व्यवहार किया है।

संक्रमित व्यक्ति की अंत्येष्टि पर मनाही की घटनाओं पर क्षोभ व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा कि यह भारतीय मूल्यों के विरुद्ध है जहां शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना रखी जाती है, ढांढस और भरोसा दिया जाता है।

उन्होंने कहा ऐसे व्यवहार का मूल कारण लोगों में जानकारी का न होना है, इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य प्रशासन और मीडिया लोगों तक प्रमाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाएं। प्रमाणिक जानकारी के अभाव में अंधविश्वास और अफवाहें फैलती हैं। जबकि जानकारी होने से व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

उपराष्ट्रपति नायडू ने आशा व्यक्त की है कि अपने साझे प्रयास से हम इस महामारी के प्रभावों से उबरने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें बढ़ते ग्राफ को समतल करने पर जोर देना है जिसके लिए नागरिकों को ज़िम्मेदारीपूर्वक आचरण करना होगा, मास्क लगाना, हाथ धोना, सामाजिक दूरी जैसी सावधानियों का पालन करना होगा। उन्होंने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग के अभ्यास की सलाह भी दी।

अपने फेसबुक पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने आज कारगिल विजय दिवस पर, युद्ध में वीरगति को प्राप्त अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा है कि मातृ भूमि की एकता अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए, भारत की सशस्त्र सेनाओं के शौर्य, साहस, देशभक्ति तथा उनके बलिदानों के प्रति सम्पूर्ण राष्ट्र सदैव कृतज्ञ रहेगा।

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उन्होंने किसानों जैसे अनजान कारोना योद्धाओं के प्रति आभार व्यक्त करने का आह्वाहन किया जो निःस्वार्थ भाव से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, पुलिस, मीडिया तथा समान पहुंचाने वाले कर्मियों जैसे कोरोना योद्धाओं के प्रयासों में सहयोग और समर्थन देने का आग्रह किया।

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