देश में किसानों के लिए बनेंगे 10 हजार किसान उत्पादक संगठन

किसानों को आत्मनिर्भर बनने के लिए 15 लाख रुपये का एक मुश्त कर्ज देकर अपना व्यापार करने के अवसर उपलब्ध कराएगी।

Update: 2020-07-15 06:22 GMT

नई दिल्ली। अब भारत के किसान भी विदेशों की तर्ज पर व्यापारी भी बनेंगे। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार किसान उत्पादक संगठनों का गठन करके किसानों को आत्मनिर्भर बनने के लिए 15 लाख रुपये का एक मुश्त कर्ज देकर अपना व्यापार करने के अवसर उपलब्ध कराएगी। इसके लिए सरकार ने 4,496 करोड़ का प्रावधान किया। कृषि सेक्टर का आत्मनिर्भर बनाने और कृषक को उसकी उपज का अधिकतम मूल्य दिलाने के साथ उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने की इस योजना में पहले चरण में 10 हजार कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित किए जाएंगे।

इसके तहत किसानों को अपने संगठन को कंपनी एक्ट के तहत पंजीकृत कराकर केंद्र से सहायता की गुहार कर सकेगा। इसमें केंद्र सरकार इन समूहों को आर्थिक सहायता देगी। एक समूह में कम से कम 11 किसान हो सकते हैं। इस योजना में छोटे और सीमांत किसानों को वरीयता दी जाएगी। जिससे की उनकी खेती में सुधार के साथ उनकी आर्थिक स्थितियों पर भी प्रभाव पड़ेगा।

किसान संगठन को रजिस्ट्रेशन के बाद उसके काम को देखकर सरकार तीन साल में 15 लाख रुपये की सहायता सालाना 5 लाख रुपये के तौर पर करेगी। इसमें मैदान क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों की अधिकतम संख्या 300 और पहाड़ी क्षेत्र के लिए यह आंकड़ा सौ किसान अधिकतम रखा गया है। किसानों के काम का आकलन करके नाबार्ड कंस्ल्टेंसी सर्विस संगठन काम देखकर मूल्यांकन करेगी। इसके बाद कंपनी को रेटिंग दी जाएगी। जिसके आधार पर किसान को बाजार में अपनी साख बनाने में सहायता मिलेगी। इससे किसानों को अपनी फसल के देश में भर में उचित कीमत पर कहीं भी बेचने का अवसर मिलेगा।  

 (हिफी न्यूज)

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