कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान का शिलान्यास किया
केंद्रीय कैबिनेट आईआईएस देश के तीन स्थानों – मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर पर स्थापित करने की मंजूरी दी थी। ये संस्थान पीपीपी (सार्वजनिक – निजी - सहयोग) मॉडल के आधार पर बनाए जाएंगे।
आईआईटी और आईआईएम के समान आईआईएस होगा।
टाटासमूह सायन में 4.5 एकड़ भूखंड में बनने वाले संस्थान की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
आईआईएस का लक्ष्य है प्रतिवर्ष 5 हजार छात्रों का नामांकन। 70 प्रतिशत छात्रों को कैंपस से ही नौकरी मिलेगी।
मुंबई । भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के क्रम में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान आईआईएस का शिलान्यास किया। यह संस्थान 10वीं और 12वीं पास छात्रों को अतिविशिष्ट क्षेत्रों के लिए तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा। विश्वस्तरीय यह कौशल प्रशिक्षण केंद्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के समान होगा।
इस अवसर पर महाराष्ट्र फिल्म, मंच एवं सांस्कृतिक विकास निगम लिमिटेड (एमएफएससीडीसीएल) के वाइस चेयरमैन अमरजीत मिश्रा, कुर्ला क्षेत्र के विधायक मंगेश एम. कुडालकर, पार्षद मलिक अब्दुल राशिद, टाटा संस के नटराजन चन्द्र शेखरन, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के चेयरमैन तथा लार्सन एंड टुब्रो के ग्रुप चेयरमैन ए.एम.नाइक, एम.एस.डी.ई के सचिव के.पी.कृष्णन और एम.एस.डी.ई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुंबई के एन.एस.टी.आई कैंपस में आईआईएस की स्थापना के लिए प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया द्वारा टाटा एजुकेशन डेवलपमेंट ट्रस्ट (टीईडीटी) का चयन किया गया है। टाटा समूह संस्थान के 4.5 एकड़ के कैंपस में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। छात्रों को आधुनिकतम सुविधाएं प्राप्त होंगी। प्रतिवर्ष 5 हजार छात्रों के नामांकन तथा 70 प्रतिशत छात्रों को कैंपस से नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुंबई में आज इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्किल्स (IIS) का शिलान्यास किया। इस संस्थान की परिकल्पना हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री @narendramodi जी ने स्वयं की है और उनके निर्देश से यह IIS, देश में स्थापित IIT और IIM की प्रतिष्ठा, कद और तर्ज़ का होगा। pic.twitter.com/NhnJN5Mc8l
— Dr. Mahendra Nath Pandey (@DrMNPandeyMP) September 11, 2019
केंद्रीय कैबिनेट आईआईएस देश के तीन स्थानों – मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर पर स्थापित करने की मंजूरी दी थी। ये संस्थान पीपीपी (सार्वजनिक – निजी - सहयोग) मॉडल के आधार पर बनाए जाएंगे।