बंद होंगी सभी गरीब रथ ट्रेनें

तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीबों के एसी ट्रेनों में सफर करने का सपना साकार करने के लिए साल 2006 में गरीब रथ एक्सप्रेस की शुरुआत की थी, लेकिन अब मौजूदा सरकार ने गरीब रथ ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस में बदल रही है

Update: 2019-07-18 13:40 GMT

नई दिल्ली। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीबों के एसी ट्रेनों में सफर करने का सपना साकार करने के लिए साल 2006 में गरीब रथ एक्सप्रेस की शुरुआत की थी, लेकिन अब मौजूदा सरकार ने गरीब रथ ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस में बदल रही है। यानी गरीब रथ ट्रेनें जल्द ही बंद होने वाली हैं। रेलवे का कहना है कि गरीब रथ की बोगियां बननी बंद हो गई हैं। यानी पटरी पर जो बागियां दौड़ रही हैं वो सभी करीब 14 साल पुरानी हैं। ऐसे में चरणबद्ध तरीके से गरीब रथ की बोगियों को अब मेल एक्सप्रेस में बदल दी जाएंगी, जिसकी शुरुआत भी हो गई है।

जानकारों की मानें तो गरीब रथ ट्रेन को मेल या एक्सप्रेस ट्रेन में बदलते ही ट्रेन का किराया बढ़ जाएगा, जिससे गरीब रथ का सस्ता सफर बंद हो जाएगा। इस समय रेलवे के पास लगभग 26 गरीब रथ ट्रेन हैं और गरीब रथ अधिकतम 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। इस ट्रेन की सभी बोगियां थर्ड एसी की तर्ज पर हैं, लेकिन इसका किराया सामान्य थर्ड एसी के मुकाबले करीब 40 फीसदी कम है, लेकिन यात्रियों को खान-पान और बेड रोल के लिए अलग से पेमेंट करना होता है। गरीब रथ में 12 बोगियां होती हैं और सभी एसी होती हैं। इन ट्रेनों को मेल ट्रेनों में बदलने की योजना के तहत कोचों की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 की जा सकती है। इनमें थर्ड एसी, सेकेण्ड एसी, स्लीपर और जनरल कोच होंगे।

बता दें कि पहली गरीब रथ ट्रेन सहरसा-अमृतसर एक्सप्रेस थी, जो 5 अक्टूबर 2006 को बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के बीच चलाई गई थी। अब इन सभी गरीब रथ ट्रेन को धीरे-धीरे मेल एक्सप्रेस में तब्दील करने की योजना है।

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