देश की अर्थव्यवस्था गर्त की ओर जा रही है : यशवंत सिन्हा
भारत के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में उन्होंने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था गर्त की ओर जा रही है. मोदी सरकार में कई लोग ये बात जानते हैं लेकिन डर की वजह से कुछ कहेंगे नहीं. इस लेख पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने लिखा है, 'देश के मोजूदा मंत्री ने अर्थव्यवस्था की हालत जो बिगाड़ दी है, ऐसे में अगर मैं अब भी चुप रहूं तो ये राष्ट्रीय कर्तव्य के साथ जुल्म होगा
भारत के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में उन्होंने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था गर्त की ओर जा रही है. मोदी सरकार में कई लोग ये बात जानते हैं लेकिन डर की वजह से कुछ कहेंगे नहीं. इस लेख पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने लिखा है, 'देश के मोजूदा मंत्री ने अर्थव्यवस्था की हालत जो बिगाड़ दी है, ऐसे में अगर मैं अब भी चुप रहूं तो ये राष्ट्रीय कर्तव्य के साथ जुल्म होगा
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा, मोदी जी दावा करते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है। ऐसा लगता है कि उनके वित्त मंत्री ओवर-टाइम काम कर रहे हैं जिससे वह सभी भारतीयों को गरीबी को काफी नजदीक से दिखा सकें।आज के वक़्त में न ही नौकरी मिल रही है और न ही तरक्की तेज़ हो रहा है, जिसका सीधा असर इन्वेस्टमेंट और जीडीपी पर पड़ा है.
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के अनुसार सरकार ने जीएसटी को जिस तरह लागू किया उसका भी नकारात्मक असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. जीडीपी अभी 5.7 फीसदी है, जबकि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने का तरीका बदला था. अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखा जाए तो आज जीडीपी 3.7 फीसदी है.
पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में वक़्त लगता है पर उसे आसानी से तबाह किया जा सकता है। उन्होंने कहा, '90 के दशक और 2000 के वक़्त में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में करीब चार साल का वक्त लगा था। किसी के पास जादू की छड़ी नहीं है, जो वह घुमाए और रातों-रात अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आए। अभी उठाए गए कदमों का नतीजा आने में वक्त लगेगा। अगले लोक सभा चुनाव तक अर्थव्यवस्था में रफ्तार की उम्मीद नहीं की जा सकती है।' सिन्हा ने कहा कि दिखावा और धमकी चुनाव के लिए ठीक है पर हकीकी हालात में यह सब गायब हो जाता है।