छात्रा से छेड़छाड़ के बाद स्कूल, क्लीनिक सील- बुलडोजर की कार्रवाई की मांग
स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार करने और स्कूल व क्लीनिक को तुरंत सील करने की मांग की थी।
मुजफ्फरनगर। जनपद के बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र से एक मामला सामने आया है, जहाँ जमन पब्लिक स्कूल के दो शिक्षकों नौशाद और शहजाद पर 10वीं कक्षा की छात्रा से छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगा है। इस शर्मनाक घटना के सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार करने और स्कूल व क्लीनिक को तुरंत सील करने की मांग की थी।
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, पुलिस की तत्काल कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता स्कूल परिसर के बाहर इकट्ठा हो गए और जमकर नारेबाजी की। हंगामे को बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और जमन पब्लिक स्कूल और संबंधित जमन क्लिनिक को सील कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है
पूर्व विधायक उमेश मलिक ने खोला फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक उमेश मलिक ने आरोप लगाया कि जमन पब्लिक स्कूल की मान्यता केवल कक्षा 8वीं तक ही है, लेकिन इसके बावजूद स्कूल प्रशासन अवैध रूप से 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएँ चला रहा था। उन्होंने इसे एक बड़ा शैक्षिक घोटाला करार देते हुए कहा, "यह सिर्फ छेड़छाड़ का मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित फर्जीवाड़ा है। आरोपी अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' भी लगाता था जबकि उसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है। इस फर्जी क्लीनिक को चलाने वालों पर केवल सीलिंग नहीं, बल्कि योगी सरकार का बुलडोजर भी चलना चाहिए।
छात्रा सदमे में, परिजन की मांग – हो सख्त सजा
छेड़छाड़ की शिकार छात्रा 10वीं की मार्कशीट लेने के लिए स्कूल में गई थी पीड़िता के परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों की नियमित जांच हो और फर्जी संस्थानों को तुरंत बंद किया जाए।
क्लीनिक और स्कूल की वैधता पर सवाल
छानबीन में पता चला है कि जमन क्लिनिक भी बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रहा था। आरोपी नौशाद और शहजाद शिक्षा के साथ-साथ अवैध चिकित्सा व्यवसाय भी चला रहे थे। यह क्लिनिक लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय था, लेकिन अब इसकी वैधता और कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।